आईआईटी और वायु सेना ने स्वदेशी रक्षा तकनीकों को विकसित करने को मिलाया हाथ

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    भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (उत्तराखंड) और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने आपसी हित के क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास के माध्यम से स्वदेशी प्रौद्योगिकियों और उपकरणों के विकास को बढ़ावा देने और भारतीय रक्षा प्रणाली को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से एयरो इंडिया 2023 के दौरान बेंगलुरु में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

    समझौता ज्ञापन पर आईआईटी रुड़की और आईएएफ की ओर से क्रमशः प्रोफेसर केके पंत, निदेशक, आईआईटी रुड़की और एयर वाइस मार्शल एसके जैन, वीएसएम, सहायक वायु सेना प्रमुख (मेंटेनेंस प्लान्स), ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये।

    समझौता ज्ञापन रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह, वायु सेना प्रमुख, भारतीय वायु सेना, एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, पीवीएसएम एवीएसएम वीएम एडीसी और रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में एयरो इंडिया 2023 में सेमिनार के दौरान जारी किया गया।

    कार्यक्रम के दौरान प्रो. अक्षय द्विवेदी, डीन, प्रायोजित रिसर्च एंड इंडस्ट्रियल कंसल्टेंसी, ने बताया कि एमओयू पर हस्ताक्षर के साथ, आईआईटी रुड़की रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल और प्रौद्योगिकी विकास के लिए भारतीय वायु सेना की क्षमताओं को बढ़ाने में प्रभावी रूप से योगदान देगा। प्रो. प्रदीप के. माजी, एसोसिएट प्रोफेसर, विभाग पॉलिमर और प्रोसेस इंजीनियरिंग, आईआईटी रुड़की ने आईआईटी रुड़की और आईएएफ के बीच समझौता ज्ञापन के लिए समन्वय किया।

    यह समझौता ज्ञापन आईआईटी रुड़की के बीच साझा वैश्विक समृद्धि के लिए मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड दृष्टि को प्राप्त करने और अनुसंधान और विकास के माध्यम से एक विश्व स्तरीय घरेलू रक्षा उद्योग बनाकर आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम आगे बढ़ाने के लिए सहयोगात्मक प्रयास है। आईएएफ आईआईटी रुड़की और आईआईटी रुड़की के नामित अन्य एजेंसियों के साथ भी साझेदारी करेगा।

    आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. केके पंत ने बताया कि आईआईटी रुड़की का उद्देश्य व्यापक अनुसंधान और विकास के माध्यम से अभिनव समाधान प्रदान करके भारतीय वायुसेना के मुद्दों को हल करने के लिए एक मजबूत वैज्ञानिक और तकनीकी संसाधन बनना है। यह सहयोग आईएएफ की विभिन्न जटिल परियोजनाओं को कार्यान्वित करने हेतु समन्वय और निष्पादन के लिए ढांचा प्रदान करेगा और समस्या-समाधान की दिशा में औद्योगिक भागीदारों को शामिल करेगा।

    एयर वाइस मार्शल एसके जैन वीएसएम, असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ (मेंट प्लान) ने कहा कि संयुक्त सहयोगात्मक प्रयास निकट भविष्य में सामने आएंगे और भारतीय वायु सेना और आईआईटी रुड़की के लिए यह समझौता ज्ञापन नवीन आयाम खोलेगा। यह क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, अंतरिक्ष, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और समुद्री सुरक्षा को एक साथ विकसित करने के लिए गहन सहयोग से संबंधित पहलुओं को संबोधित करेगा।