हरिद्वार। करीब एक पखवाड़ा पूर्व एक समुदाय विशेष की दुकानों में रात के समय तोड़फोड़ करने के बाद पुलिस की सख्ती के कारण सरकारी भूमि पर बंद हुई पार्किंग अब दोबारा शुरू हो गई है। परिजनों की अस्थियां गंगा में विसर्जित करने के लिए आने वाले यात्रियों से दबंगई के चलते पार्किंग के नाम पर पुनः उगाही शुरू कर दी गई है। इसके बावजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है।
उपनगरी कनखल के सती घाट पर सरकारी भूमि पर दबंगई के चलते कुछ लोगों ने अवैध पार्किंग बना रखी है। यहां मृतकों की अस्थियां गंगा में विसर्जित करने के लिए आने वालों से वाहन पार्क कराने के नाम पर जबरन उगाही की जा रही है। अवैध उगाही का यह सिलसिला कई वर्षों से लगातार जारी है। कई बार ममला प्रशासन के संज्ञान में आया, तब भी रोक नहीं लग पाई। करीब एक पखवाड़ा पूर्व कनखल में एक समुदाय विशेष की दुकानों में जबरन तोड़फोड़ करने के बाद आरोपियों पर शिंकजा कसने पर पार्किंग का धंधा बंद हो गया था। तोड़फोड़ की वारदात को अंजाम देने में कथित तौर पर पार्किंग का संचालन करने वाले लोग ही शमिल थे। अब जमानत पर छूट जाने के बाद पुनः पर्किंग के नाम पर अवैध उगाही का काम शुरू हो गया है।
पार्किंग के लिए जिस भूमि का उपयोग किया जा रहा है, वह सरकारी भूमि है। इसके बावजूद पुलिस का मामले में चुप रहना और यात्रियों को लुटते हुए देखना कहीं न कहीं अवैध उगाही करने वालों के संरक्षण की कहानी बयां करता है। पार्किंग को लेकर आए दिन यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। पुलिस अवैध पार्किंग संचालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। एसएसपी कृष्ण कुमार वीके का कहना है कि पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यात्रियों का शोषण नहीं होने दिया जएगा। जो भी इस धंधे को अंजाम दे रहा है, उसके खिलाफ कर्रवाई की जाएगी और वसूली के इस खेल को आज से ही रोक दिया जाएगा।