रविवार को सीएम कैम्प कार्यालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल की बैठक हुई। बैठक में राज्य के विकास को लेकर चर्चा हुई और तय किया गया कि:
- उत्तराखंड में हाॅस्पिटेलिटी यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी।
- टिहरी बांध की ऊंचाई 825 मीटर तक सीमित रखी जाएगी।
- प्रतापनगर में डोबरा-चांटी पुल के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कंसल्टेंसी से डिजायन तैयार करवाया जाएगा। पुल की लागत का 50 प्रतिशत टीएचडीसी व 50 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
- राज्य में रूफ-टाॅप सोलर को और अधिक प्रोत्साहित किया जाएगा।
- देहरादून सहित प्रदेश के महत्वपूर्ण धार्मिक व पर्यटन महत्व के शहरों में केंद्र सरकार की आईपीडीएस (इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्किम) के तहत अंडर ग्राउंड केबलिंग का कार्य किया जाएगा।
- प्रदेश में बिजली से वंचित 1 लाख 25 हजार परिवारों को आॅफ-ग्रिड बिजली उपलब्ध करवाई जाएगी।
हाॅस्पिटेलिटी युनिवर्ससिटी की लागत का 75 प्रतिशत टीएचडीसी सहित केंद्र सरकार के विभिन्न उपक्रमों द्वारा जबकि 25 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। प्रदेश के युवाओं के कौशल विकास में यह यूनिवर्सिटी महत्वपूर्ण साबित होगी।देहरादून सहित राज्य के धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण शहरों में केंद्र सरकार की आईपीडीएस (इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्किम) के तहत अंडर ग्राउंड केबलिंग का कार्य किया जाएगा। इससे तारों के जंजाल से मुक्ति मिलेगी। प्रदेश में वर्तमान में 1 लाख 25 हजार परिवार ऐसे हैं जिन्हें बिजली नहीं मिल पाई है। ये परिवार ऐसे स्थानों पर रह रहे हैं जहां मुख्य ग्रिड से बिजली पहुंचाना सम्भव नहीं हो पाया है। इन परिवारों को अरूणाचल प्रदेश की तर्ज पर आॅफ-ग्रिड बिजली (सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि) उपलब्ध करवाई जाएगी।