काशीपुर, उत्तराखंड पुलिस के यूँ तो कई कारनामे आपने देखें होंगे मगर आज आपको दिखाएंगे पुलिस का ऐसा कारनामा जिसे देख आप भी हैरान रह जाएंगे। जी हाँ हैरानी की ही बात है, जहां एक ओर कोई भी व्यक्ति एक शव को देखकर उसे नमन करते हुए ईश्वर से उसकी आत्मा की शांति की कामना करता है, तो वही कुछ पुलिस कर्मचारी है जो मृत लोगों के शव का सरेआम अपमान करने से पीछे नहीं हटते है। वहीं आला अधिकारी भी मातहतों के ऐसे कारनामो से अनभिज्ञता जताते हुए पल्ला झाड़ लेते हैं।
मामला काशीपुर कोतवाली क्षेत्र का है जहाँ एक व्यक्ति भुवन चंद, निवासी ऊँचा कोट, थाना बेतालघाट, अज्ञात कारणों से काशीपुर आया हुआ था। भुवन ने आज सुबह अज्ञात कारणों के चलते विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया। जिसके बाद भुवन काशीपुर के सरकारी अस्पताल में पहुच गया। जहाँ चिकित्सको ने उसका इलाज करना शुरु किया लेकिन उसे बचा नही पाए। जिसके बाद चिकित्सको ने मामले की जानकारी कोतवाली काशीपुर में दी।
मामले की सूचना मिलते ही कोतवाली में तैनात दो सिपाही सरकारी अस्पताल में पहुच गए। जहाँ उन्होंने अपनी हैवानियत का इस कदर परिचय दिया कि आप सुनकर भी दंग रह जाएंगे। दोनों सिपाहियों ने भुवन के शव को पोस्टमार्टम के लिए लेकर जाने के लिए एक ई-रिक्शा की मदद ली। जिसमे पुलिस कर्मियों ने शव को स्ट्रेचर के साथ ई रिक्शे में लेटा दिया। यही नही पुलिस कर्मियों ने अपनी शव के प्रति क्रूरता दिखाते हुए शव के हाथों को ई रिक्शे से भी बांध दिया। जिसके बाद अस्पताल से निकलते ही ई-रिक्शा एक बाइक से टकरा गया और जिससे बाइक भी गिर गई। जब इस मामले में एसएसपी बरिंदर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि, “आपके द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया है उसके बाद कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि वाहनों की उपलब्धता न होने के कारण पुलिसकर्मियों द्वारा ऐसा कदम उठाया गया होगा।”
बहरहाल आला अधिकारी भले ही अपने तर्क देकर मामले से ही पल्ला झाड़ रहे हो लेकिन सरेआम जिस तरह से दिवंगत व्यक्ति के शव के साथ हस्र किया गया उससे मानवीयता सर्मसार जरूर हुई है।