नई दिल्ली, देश की प्रमुख इलेक्ट्रानिक उत्पाद कंपनी इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज लिमिटेड करीब 16 साल बाद मुनाफे की स्थिति में पहुंची है। संचार मंत्री मनोज सिन्हा के मुताबिक इस सार्वजनिक उद्यम को करीब 19 करोड़ रुपये का लाभ हासिल हुआ है।
मीडिया के साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश के दौरे से लौटे मंत्री ने यहां बताया कि इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आईटीआई) की इकाइयां लंबे समय से घाटे में चल रही थीं। इन सभी कंपनियों को कुल मिलाकर इस साल लगभग 19 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। लाभ की स्थिति में आने में 16 से 25 साल का वक्त लगा। सबसे अधिक करीब 25 साल का समय रायबरेली यूनिट को लगा। ज्ञातव्य है कि देश की छह आईटीआई यूनिटों में से तीन नैनी, मनकापुर और रायबरेली उत्तर प्रदेश में ही हैं। सिन्हा ने बताया कि आईटीआई यूनिटों को लाभ तक पहुंचाने के लिए संचार विभाग की नीतियां सहायक बनीं। टेलीफोन से सम्बंधित सभी उपक्रमों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने उपयोग के 20 प्रतिशत उपकरण आईटीआई से ही खरीदें। सुखद यह है कि आईटीआई यूनिटों ने पारंपरिक टेलीफोन सेट से बहुत आगे आकर अधुनातन उपकरणों के पार्ट्स बनाना भी शुरू कर दिया है।
लाभ में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का भी योगदान है, जिसने इस उपक्रम के लिए अपना ब्याज दर चार फीसद तक कम कर दिया है। लाभ के हाल में पहुंचने की अनुभूति यूनिटों के कर्मचारियों को भी होने लगी है और लंबे समय बाद इन यूनिटों में समय से वेतन मिल रहा है।
संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा ने उत्तर प्रदेश में ब्राड बैंड की प्रगति का भी संक्षिप्त विवरण दिया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की 55 हजार, 476 ग्राम पंचायतों में से प्रथम चरण में 27 हजार, 976 ग्राम पंचायतों में ब्राड बैंड सुविधा मिलने लगी है। राज्य की 27 हजार, 66 पंचायतों में यह सेवा तैयार है। इनमें से 17 हजार,330 पूर्वी उत्तर प्रदेश और नौ हजार, 736 पश्चिमी उत्तर प्रदेश की पंचायतें हैं।