अगर आप नीट परीक्षा की बाधा पार कर चुके हैं और एमबीबीएस की सीट पर दाखिले की दौड़ में शामिल हैं, तो यह खबर आपके लिए है। अभ्यर्थियों को एमबीबीएस की राज्य कोटे की तय सीट से अलग भी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में दाखिले का तोहफा मिल सकता है। बीते वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो आल इंडिया कोटे की सीट खाली रहने पर स्टेट कोटे में तब्दील हुई हैं यानी इस बार भी सरप्राइज सीटों पर दाखिले की पूरी गुंजाइश है।
उत्तराखंड में तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज है। इनमें श्रीनगर व हल्द्वानी में एमबीबीएस की 100-100 सीट हैं, जबकि दून मेडिकल कॉलेज में 150 सीट। इनमें 15 प्रतिशत ऑल इंडिया जबकि शेष राज्य कोटा है लेकिन अगर पिछले वर्ष के आंकड़ों पर गौर करें तो ऑल इंडिया कोटे की खाली सीटों का लाभ स्टेट कोटे पर दाखिला लेने वाले अभ्यर्थियों को मिला था। यहां अतिरिक्त सीट पर एडमीशन किए गए।
एमबीबीएस के दाखिले को मुकाबला इस साल भी कड़ा है। सरकारी व गैर सरकारी कॉलेजों में दाखिले को सैकड़ों दावेदार हैं लेकिन, उसमें विकल्प बेहद सीमित हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों की ओर बाहरी अभ्यर्थियों के कम रुझान को देखते हुए इस बार भी ऑल इंडिया की सीटें रिक्त रहने की संभावना है। इसका फायदा राज्य के अभ्यर्थियों को होगा। मेडिकल परीक्षा के विशेषज्ञ बलूनी क्लासेज के एमडी विपिन बलूनी का कहना है कि ऑल इंडिया काउंसिलिंग में रिक्त रहने पर सीट राज्य कोटे में भरी जाती है। वर्ष 2014 में आठ और 2015 में 15 सीट वापस हुई थी। गत वर्ष भी करीब 20 सीटों पर ऐसा ही हुआ। उन्होंने बताया कि पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण बाहरी अभ्यर्थियों का यहां के कॉलेजों में रुझान कम होता है। इसका फायदा राज्य के अभ्यर्थियों को हो सकता है।