आधार कार्ड में गलत जानकारी दर्ज होने के कारण केंद्र से मिलने वाले पेंशन के 30 फीसद आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग की ओर से भेजी गई कुल दो लाख आवेदनों में से 60 हजार आवेदनों के साथ लगाए गए आधार कार्ड केंद्रीय डाटा से मैच नहीं हो पाए। आधार कार्ड बनाने और इनके सत्यापन करने वालों की गलती का खामियाजा राज्य के 60 हजार निशक्तों को भुगतना पड़ा।
उत्तराखंड में केंद्र और राज्य सरकार से वृद्धा, दिव्यांग, विधवा व किसान पेंशन प्राप्त करने वाले पात्रों की कुल संख्या 6.70 लाख है। इनमें से दो लाख पात्रों को केंद्र सरकार और शेष को राज्य सरकार की ओर से पेंशन प्रदान की जाती है। मौजूदा व्यवस्था में उन्हीं पात्र आवेदकों को पेंशन प्रदान की जा रही है, जिनके आधार आवेदन के साथ लिंक हैं। केंद्र सरकार से पेंशन पाने के लिए पात्र राज्य के सभी दो लाख आवेदकों ने अपने आधार आवेदन के साथ लिंक किए थे। केंद्र सरकार को भेजे गए इन आवेदनों की जांच में सामने आया कि 60 हजार लोगों की आधार कार्ड में गलत जानकारी दर्ज है। कुछ आधार कार्डों में फोटो गलत पाई गई, तो कुछ में दर्ज जानकारी पेंशनधारक के रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रही। केंद्र ने इन सभी की पेंशन रोक दी है। विभाग की मानें तो इनमें अधिकांश आवेदकों ने आधार कार्ड की छाया प्रति संलग्न करने के बजाय केवल आधार नंबर दर्ज किया है। ऐसे में आधार नंबर के आधार पर जांच की गई, तो रिकॉर्ड का मिलान नहीं हो पाया। केंद्र सरकार की पेंशन रोके जाने के बाद राज्य सरकार से दी जाने वाली पेंशन में भी इस समस्या से सामना हो सकता है। राज्य से पेंशन पाने वाले 4.70 हजार पात्रों के आधार के साथ भी यह समस्या आना तय माना जा रहा है।
अपर सचिव समाज कल्याण मनोज चंद्रन का कहना है कि केंद्र सरकार ने करीब 30 फीसद लोगों के आधार मैच नहीं होने के कारण पेंशन रोक दी है। राज्य सरकार की ओर से जारी की जाने वाली पेंशन में भी यह समस्या आ सकती है। इसलिए पेंशन धारकों से अपील है कि वे अपने आधार में दर्ज जानकारी को दुरुस्त करा लें और आवेदन के साथ सही आधार ही संलग्न करें।