मुख्यमंत्री ने कहा-हर जिले में स्थापित किए जाएं आइसोलेशन वार्ड 

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देहरादून, उत्तराखंड सरकार चीन समेत दुनिया के कई देशों में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस के बचाव और रोकथाम को लेकर बेहद गंभीर है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के हर जिला अधिकारी से इंतजामों पर सीधी बातचीत की। सचिवालय में आयोजित राज्यस्तर पर की गई तैयारियों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने हर जिले में आइसोलेशन वार्ड स्थापित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने जिला अधिकारियों से कहा कि आइसोलेशन वार्ड में प्रशिक्षित चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ जरूरी दवाएं रखी जाएं। संदिग्ध मरीजों के स्थानांतरण में देरी न हो पाए। इसके लिए डेडिकेटेड एंबुलेंस और प्रशिक्षित स्टाफ मौजूद होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि अफवाहों को रोकने के लिए वर्चुअल क्लासरूम एवं विश्वविद्यालयों की मदद ली जाए। कोरोना वायरस से बचाव के लिए जारी एडवायजरी का प्रचार-प्रसार किया जाए। सभी विभागाध्यक्ष समन्वय बनाकर काम करें।
उन्होंने जिलाधिकारियों को आगाह किया कि इस संबंध में अफवाहों को रोकने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी जिला सूचना कार्यालयों की मदद लें। सेनेटाइजर एवं मास्क की कालाबाजारी नहीं होनी चाहिए। सीमावर्ती क्षेत्रों में यात्रियों की स्क्रीनिंग में कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। संदिग्ध रोगी या किसी भी प्रकार की असामान्य स्थिति की सूचना मिलने पर रैपिड रिस्पांस टीम फौरन कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री ने चंपावत में पूर्णागिरी मेले के अवसर पर अतिरिक्त चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।
इस मौके पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव नितेश झा ने  तैयारियों का ब्योरा दिया। भारत-नेपाल सीमा एवं हवाई अड्डों पर स्क्रीनिंग एवं यात्रियों की निगरानी की चर्चा की। उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक कोई भी संदिग्ध केस नहीं मिला है। लोग संदिग्ध मरीजों की सूचना इन्टीग्रेटेड हेल्पलाइन नंबर 104 पर दे सकते हैं। कोरोना वायरस के मद्देनजर  जिला अधिकारियों को नोडल अफसर नामित किया गया है। सभी जिलों में आईसोलेटेड बेड्स की व्यवस्था हो गई है. प्रत्येक जनपद में सरकारी और निजी क्षेत्र में उपलब्ध समस्त संसाधनों को चिह्नित कर लिया गया है।