सेटिंग गेटिंग के खेल में जुटे दावेदार ,मंदिर समिति दावेदारों ने डाला देहरादून में डेरा

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जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति गठन की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। डीएम की ओर से नाम फारवर्ड होते ही भाजपा से जुड़े दावेदार  नेताओं ने दून में डेरा जमा लिया है। सूत्रों के मुताबिक ये सभी दावेदार अपनी गोटियां फिट करने में जुट गए हैं।
हाई कोर्ट के आदेश पर 28 मई को जिला प्रशासन की ओर से प्रबंधन समिति गठन को विज्ञप्ति जारी की थी। तब कोर्ट के नियमों को ताक पर रखकर भाजपा और कांग्रेस के सात नेताओं ने भी प्रबन्धक और उपाध्यक्ष पद के लिए आवेदन कर दिया था। इनमें एक आवेदक पुजारियों की सूची में भी शामिल था। ह हल्ला मचने पर तत्कालीन डीएम सविन बंसल ने एलआईयू जांच रिपोर्ट के आधार पर पूरी प्रक्रिया को ही निरस्त कर दिया था। उसके बाद एक जून को कमेटी गठन  को दोबारा विज्ञप्ति जारी हुई थी। इसी दरमियान डीएम का तबादला हो गया था। डीएम तबादला होते ही राजनैतिक दलों से जुड़े उन सभी लोगों ने दोबारा आवेदन कर दिए थे जिन्हें अयोग्य करार दिया गया था। नेताओं की एंट्री के चलते प्रशासन ऊपरी दबाव के चलते बेवस हो गया। सूत्रों के मुताबिक करीब एक माह से ज्यादा समय तक विचार करने के बाद सफेदपोशों के दबाव में आकर दो दिन पूर्व प्रशासन ने नियम विरुद्ध तरीके से प्रबन्धक पद पर 13 जबकि उपाध्यक्ष पद के लिए तीन लोगों के आवेदन सचिव को फारवर्ड कर दिए। सूत्रों के मुताबिक नाम फारवर्ड होते ही भाजपा से जुड़े अधिकतर दावेदारों ने देहरादून में डेरा डाल दिया है। सभी दावेदार ऊंची पहुंच के बल पर अपनी गोटियां बैठने में जुटे हुए हैं। एक दावेदार एक सप्ताह पूर्व से ही सफेद रंग की स्कोर्पियो गाड़ी से पांच अन्य नेताओं के साथ दून में डेरा डाले हुए है।

इन नेताओं के आवेदन हुए थे निरस्त
-जगदीश भट्ट- भाजपा, प्रदेश में भी पद
-नंदन सिंह नेगी-भाजपा, विहिप
-केशर सिंह-भाजपा
-गिरीश भट्ट, भाजपा, पुजारी
-अम्बा दत्त पांडे- मंडल कोषाध्यक्ष भाजपा
-डूंगर सिंह-जिला उपाध्यक्ष कांग्रेस
-नागेश पंत-कांग्रेस
-प्रकाश भट्ट-एनएसयूआई
-हरीश भट्ट-यूकेडी

राज्यपाल से गुहार
आवेदकों में भाजपाइयों के जमावड़े से मंदिर के पुजारियों में आक्रोश व्याप्त है। लोगों ने राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर राजनीति से जुड़े आवेदकों की दावेदारी निरस्त करवाने की मांग उठाई है। साथ ही उन्होंने झूठे शपथ पत्र पेश करने वाले नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करवाने की भी मांग उठाई है। इसके अलावा झूठे शपथ पत्र के आधार पर तीन साल से प्रबन्धक की कुर्सी पर बैठने वाले प्रकाश भट्ट से रिकवरी की मांग भी उठाई है।