नई दिल्ली। नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के सिर्फ पांच विमान ही इस समय उड़ान भर रहे हैं। ऐसे में संकट गहरात जा रहा है। प्रबंधन ने कंपनी को बचाने के लिए 400 करोड़ रुपये के आपातकालीन फंड की मांग की है, वहीं कर्जदाता (बैंक) अभी तक कंपनी के आगे के भविष्य पर निर्णय नहीं ले पाए हैं।
बुधवार को जेट एयरलाइन के सीईओ विनय दुबे ने एसबीआई की अगुवाई वाले बैंकों के समूह से कंपनी को बचाने का हर संभव प्रयास करने की गुहार लगाई है। लेकिन मुंबई में मंगलवार को तीन घंटे से अधिक समय तक चली एयरलाइन के बोर्ड और बैंकों के समूह की बैठक अनिर्णायक रही। उधर करीब 25 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रही विमानन कंपनी के भविष्य को लेकर जारी अनिश्चितता और कंपनी के परिचालन को अस्थायी रूप से निलंबित करने से संबंधित रिपोट्स के बीच बीते दिन जेट के शेयर्स में 19 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली है।
उल्लेखनीय है कि जेट एयरवेज पर 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज हो चुका है। नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला के अनुसार एयरलाइन ने कंपनी को बचाने के लिए बैंकों से लगभग 400 करोड़ रुपये की आपातकालीन धनराशि की मांग की है, लेकिन यह मामला सिर्फ विमानवाहक और बैंकों के बीच का है।