शिकारियों की सक्रियता को देखते हुए कार्बेट प्रसासन सख्त हो गया है और चप्पे चप्पे पर निगरानी बढा दी गयी है खासतौर पर बरसात के सीजन में शिकारियों की घुसपैठ को लेकर संवेदनशील कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अलर्ट जारी कर दिया गया है। एक जुलाई से ऑपरेशन मानसून के तहत जंगल में सघन पेट्रोलिंग होगी। इसके लिए करीब पांच सौ फील्ड कर्मियों को तैनात किया गया है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल 1288 वर्ग किलोमीटर है। बरसात के सीजन में झिरना व ढेला के अलावा अन्य पर्यटन जोन में पर्यटकों, जिप्सी चालकों व गाइडों की आवाजाही बंद हो जाती है। बारिश होने पर गश्त भी प्रभावित रहती है। ऐसे में कॉर्बेट में बाघ, गुलदार, हाथी व अन्य वन्य प्राणी शिकारियों के निशाने पर रहते हैं, जिसे रोकने की चुनौती बनी रहती है।
वन्य जीवों को सबसे अधिक खतरा कॉर्बेट से सटे उत्तर प्रदेश के अमानगढ़, अफजलगढ़, शेरकोट, कोतवाली, धामपुर, नगीना नजीबाबाद, मंडावली क्षेत्रों से रहता है। पूर्व में ऐसा देखा गया है कि शिकारी इन्हीं क्षेत्रों से कार्बेट में घुसपैठ की कोशिश करते हैं। ऐसे में दक्षिणी सीमा पर प्रत्येक दो किलोमीटर में बनी 40 वन चौकियों पर विशेष अलर्ट रहता है।