उत्तराखंड के जिम कार्बेट में एक्सपेरिमेंट के तौर पर यात्रियों की सुविधा और इस सिस्टम को ठीक ढ़ंग से मानीटर करने के लिए कार्बेट टाईगर रिर्जव, पार्क एडमिनिस्ट्रेशन ने रविवार को लाटरी बेस्ड एंट्री सिस्टम यानि जंगल सफारी के लिये लाटरी सिस्टम शुरु करने का निर्णय लिया है। एडिमिस्ट्रेशन के आफिसर ने कहा कि यह सिस्टम आनलाईन स्लाट बुकिंग के साथ ही काम करेगा।
वहीं पार्क के एक अधिकारी ने कहा कि लाटरी सिस्टम की जरुरत तब पड़ी जब हमें महसूस हुआ कि आनलाईन बुकिंग के जरिए डे सफारी का मिस यूज किया जा रहा। उन्होंने बताया कि बहुत बार ऐसा हुआ कि आनलाईन बुकिंग कराने वाले लोगों की जांच के दौरान जिनके नामों से बुकिंग होती थी उनकी जगह पार्क में दूसरे लोग आते थे – मतलब नाम किसी और सफारी में कोई और।इसके अलावा एक आफिसर ने बताया कि जिन लोगों को बुकिंग मिल जाती है वो लोग अपनी बुकिंग दूसरों को ज्यादा पैसों में बेच देते या खाने और रहने के लालच में रेजार्ट वालों को दे देते हैं। 5 जोन के लिए एक दिन में कुल 86 सफारी के बुकिंग की परमिशन दी गई है- झिरना, बिजरानी, ढिकाला, ढेला और दुर्गादेवी। सभी 5 ज़ोन अभी खुल चुके हैं और एक औसतन पर 700-1000 टूरिस्ट हर रोज इसके लिए आ रहे हैं।
कार्बेट टाईगर रिजर्व के आफिस इंचार्ज धीरज पांडे ने बताया कि लाटरी सिस्टम को फिलहाल खाली स्लाट को भरने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अगर आनलाईन बुकिंग करवाने वाला व्यक्ति उपस्थित नहीं है या बुकिंग करवाने वाले व्यक्ति का कनर्फमेशन नहीं होता तो खाली स्लाट की बुकिंग आन द स्पाट लाटरी सिस्टम से की जाएगी।
जिम कार्बेट रिजर्व का नाम मशहूर शिकारी और कर्न्जवेशनिस्ट जिम कार्बेट के नाम पर रखा गया है जो 520 स्वायर किमी क्षेत्र में फैला हुआ है और यह देश का एक प्रीमियर टाईगर रिजर्व है।जिम कार्बेट लगभग 110 प्रजाति के पेड़ और पौधे, 50 प्रजाति के मैमल,580 प्रजाति के चिड़ियों और 25 तरह के रेपटाईल का घर है।