(रानीखेत) भारत और अमेरिका के संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास 2018′ का चौबटिया छावनी में संयुक्त सेनाओं की शानदार परेड के साथ शनिवार को समापन हो गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि भारतीय सेना के मेजर जनरल कविंद्र सिंह (सेना मेडल) व अमेरिकी सेना के मेजर जनरल विलियम ग्राहम ने परेड का निरीक्षण किया।
भारत-अमेरिका के द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के तहत 14वें संस्करण के ‘युद्ध अभ्यास-2018’ का शनिवार को चौबटिया छावनी के गरुड़ मैदान में भव्य अंदाज में शानदार समापन हुआ।
भारतीय ‘जन-गण-मन’ और अमेरिकी राष्ट्रगान ‘द स्टार स्पंगल्ड बैनर’ के साथ दोनों देशों के ध्वज फहराए गए। फ्लैग मार्च के बाद संयुक्त सेनाओं ने शानदार परेड कर उच्चाधिकारियों को सलामी दी। सेना के बैंड की स्वर लहरियों के बीच संयुक्त सेनाओं के शानदार मार्चपास्ट ने दर्शकों को मुग्ध कर दिया। मुख्य अतिथि भारतीय सेना के मेजर जनरल कविंद्र सिंह व अमेरिका के मेजर जनरल विलियम ग्राहम, डिप्टी कमांडिंग जनरल 1 कोर ने संयुक्त रूप से परेड का निरीक्षण किया। समारोह को संबोधित करते हुए दोनों अधिकारियों ने युद्धाभ्यास के सफल समापन पर सैनिकों को बधाई दी।
मेजर जनरल कविंद्र सिंह ने कहा कि दो बड़े लोकतांत्रिक देशों का यह सफल युद्धाभ्यास बेहद लाभदायक साबित हुआ है। दोनों देशों की सेनाओं ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में एक साथ काम करने की काबिलियत व क्षमता हासिल की है। आतंकवाद की चुनौती से निपटने के साथ भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रिश्तों में मजबूती की दिशा में भी युद्धाभ्यास एक और मील का पत्थर साबित होगा।
मेजर जनरल ग्राहम ने कहा कि युद्धाभ्यास के बाद यह सिद्ध हो चुका है कि भारतीय सेना विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक है। भविष्य में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों में अमेरिकी सेना भारतीय सेना के साथ मिलकर काम करना चाहेगी। उन्होंने लोकतंत्र में स्वतंत्रता, समानता व न्याय की साझा मान्यताओं पर प्रकाश डालते हुए इन्हें दोनों गणतांत्रिक देशों के लिए अहम बताया। कहा, युद्धाभ्यास भारत-अमेरिका के द्विपक्षीय रिश्तों की मजबूती की दिशा में एक और मील का पत्थर साबित होगा।
भारतीय मेजर जनरल कविंद्र सिंह ने जनरल ग्राहम व उनकी टीम का आभार जताया। उन्होंने कहा कि 14 दिवसीय युद्धाभ्यास का दोनों देशों की सेनाएं अधिकतम लाभ अर्जित करने में सफल हुई हैं। एक-दूसरे की संस्कृति को समझने का भी युद्धाभ्यास बेहतरीन अवसर था। युद्धाभ्यास के बाद दोनों देशों की सेनाओं ने उच्चतम कोटि की युद्ध-ऑपरेशनल तकनीकें हासिल करने के साथ आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी रणनीति तय की है। वैश्विक शांति प्राप्ति के लक्ष्य व प्रजातांत्रिक मूल्यों की स्थापना में भी युद्धाभ्यास मददगार बनेगा। मेजर जनरल कविंद्र ने अपने अमेरिकी समकक्ष विलियम ग्राहम को भारतीय सेना की ओर से स्मृति चिह्न भेंट किया। इस मौके पर अमेरिकी दूतावास के ब्रिगेडियर डेविड ब्रिग्हम, 99 पर्वतीय ब्रिगेड के कमांडेंट ब्रिगेडियर विजय काला आदि मौजूद रहे।
समापन मौके पर युद्धाभ्यास के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों व जवानों को जीओसी-इन-सी कमेंडेंशन के सम्मान से नवाजा गया। अमेरिकी सेना के मेजर जनरल ने भारत के कैप्टन रवि कुमार, हवलदार अरुण बिष्ट (15 गढ़वाल), सूबेदार सुखविंदर सिंह (35 सिख) व सिपाही विक्रम सिंह (14 डोगरा) को तथा भारत के मेजर जनरल कविंद्र सिंह ने अमेरिका के कर्नल कैनाज वखारिया, ले. कर्नल क्रेग ए बॉयलेस, कैप्टन जोल बैरेट, प्रथम श्रेणी सार्जेंट मार्क रिले, सार्जेंट बलरीत खैरा व सार्जेंट मैथ्यू लोप्स को जीओसी-इन सी का सम्मान प्रदान किया।