नाबालिग की हत्या के आरोप में कोतवाल,चौकी प्रभारी समेत सिपाही निलंबित

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जनपद के कटोराताल पुलिस चौकी में युवती को भगाने के आरोप में बंद युवक ने फांसी लगाकर कर आत्महत्या कर कर ली । इससे एक समुदाय के लोगों ने सरकारी अस्पताल में हंगामा काटा। मामले में रात भर हंगामा चलता रहा। बाद में एसएसपी के हस्तक्षेप और कोतवाल ओपी शर्मा व चौकी इंचार्ज प्रवीण सिंह और घटना के समय ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों के निलंबन की कार्रवाई के बाद ही हंगामा थमा। मामले से क्षेत्र में अभी भी स्थिति तनावपूर्ण है।

मोहल्ला काजीबाग निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस को दी तहरीर में कहा था कि उसकी बेटी को ग्राम बैलजुड़ी निवासी मोहम्मद जियाउद्दीन रजा बहला फुसला कर भगा ले गया था। इस पर पुलिस ने आरोपी नवयुवक को 26 फरवरी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी। बुधवार रात उसने कटोराताल पुलिस की कस्टडी में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने युवक को एलडी भट्ट अस्पताल पहुंचाया। जहां पर चिकित्सकों ने युवक को मृत घोषित कर दिया।
इससे खफा लोगों ने अस्पताल पहुंचकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रोष जताया। साथ ही हंगामा काटा। सूचना पर एसडीएम दयानंद सरस्वती, अपर पुलिस अधीक्षक डॉक्टर जगदीश चंद्र, सीओ राजीव मोहन अस्पताल पहुंचे। जहां पर लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा।
लोग सीओ व कोतवाल को सस्पेंड करने की मांग को लेकर अस्पताल में अड़े रहे। सीओ राजीव मोहन ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज होगा। युवक की उम्र 18 साल थी। उपजिलाधिकारी दयानंद सरस्वती ने बताया कि कटोराताल पुलिस चौकी इंचार्ज प्रवीण सिंह रावत के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। निलंबन भी की कार्रवाई की जा सकती है।
कोतवाल ओपी शर्मा के मुताबिक गायब किशोरी की लोकेशन लखनऊ मिली है। पुलिस टीम उसे लेकर काशीपुर के लिए रवाना हो गई। वहीं, मृतक के परिजनों ने पुलिस पर युवक की हत्या करने का आरोप लगाया है। कहा कि नवयुवक किस आधार पर चार दिन से पुलिस की कस्टडी में था। पुलिस ने अस्पताल से शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस भेजने की कोशिश की तो परिजनों व उनके सहयोगियों ने शव पुलिस को शव कब्जे में नहीं लेने दिया।
मामले को बढ़ता देख एसएसपी डी सेंथिल अबुदई ने हस्तक्षेप किया और मामले की प्राथमिक जांच के बाद कोतवाल,चौकी प्रभारी और आरोपी सिपाहियों पर मामला दर्ज करने का आदेश दिया और साथ ही सभी आरोपियों को तत्काल निलंबित कर लाइन तलब किया । उन्होंने कहा कि मामले की मामले की विस्तृत जांच में पुलिस कर्मियों के दोषी पाए जाने पर उन्हें जेल भी जाना पड़ेगा।
निलंबन कार्रवाई में कोतवाल ओपी शर्मा व चौकी इंचार्ज प्रवीण सिंह और घटना के समय ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी का नाम शामिल है। आरोपी पुलिस कर्मियों के निलंबन के बाद लोग धरना समाप्त करने को राजी हुए।