भालू के हमले में बुरी तरह घायल और चेहरे का आकार खो चुके चमोली निवासी नरेंद्र राम को कैलाश अस्पताल के चिकित्सकों ने अथक मेहनत के बाद नया रूप देने में सफलता हासिल की। भालू के हमले में नरेंद्र की नाक व उसकी की हड्डी नष्ट हो चुकी थी, लिहाजा चिकित्सकों ने कूल्हे की हड्डी से छोटा टुकड़ा निकालकर उसका प्रयोग नाक की हड्डी तैयार करने में किया। जबकि बाजू की त्वचा से नाक को अंदरूनी व बहारी आकार दिया गया। इस पूरी प्रक्रिया में नरेंद्र की बायीं बाजू को नाक से जोड़कर 21 दिनों तक रखा गया। यह जानकारी अस्पताल के निदेशक पवन शर्मा ने पत्रकार वार्ता में दी।
निदेशक पवन शर्मा ने बताया कि, “30 अगस्त को नरेंद्र राम को कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल के सीनियर प्लास्टिक सर्जन डॉ हरीश घिल्डियाल, सीनियर आई सर्जन डॉ भावना तिवारी व इंटेसिविस्ट डॉ प्रवीण वर्मा ने नरेंद्र राम की स्थिति की जांच पर पाया कि उनके होंठ, नाक, पलक, गाल व भवें वाले हिस्सों पर गंभीर चोट थी। नाक की हड्डी हमले में नष्ट हो चुकी थी और आसपास कुछ अन्य फ्रेक्चर भी थे। जबकि उनकी बायीं आंख बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसे बचाया नहीं जा सका।
चेहरे का आकार पूरी तरह बदल चुका था। सबसे पहले नरेंद्र के गले के रास्ते सांस की नली में रास्ता बनाया गया, ताकि वह ठीक से सांस ले सके। वहीं, नरेंद्र को नया जीवन देने के लिए दो चरणों में प्लास्टिक सर्जरी करनी पड़ी। हालांकि चिकित्सकों के अथक प्रयास के साथ ही नरेंद्र ने भी पूरी हिम्मत दिखाई और जीवन की उम्मीद नहीं खोई। उनकी हिम्मत की बदौलत चिकित्सक अपना काम बखूबी पूरा करने में सफल रहे।