घोटालों का अड्डा बना काशीपुर नगर निगम

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काशीपुर – नगर निगम काशीपुर में घोटालों की फेहरिस्त बढती जा रही है। गरीब अल्पआय और आरक्षितों को सस्ती दरों पर आवास उपलब्ध हो सके इसके लिए वर्ष 1994 में पट्टे अावंटित किये गये, मगर जिनको ये पट्टे कागजों में आवंटित हुए वास्तव में वो उन पट्टों पर काबिज ही नहीं हुए, वजह नाम किसी और का और काबिज है कोई और।
nagar nigam kashipur
यही नहीं कछ तो एसे करोडपति भी है जिन्होने इस योजना का लाभ लेने के लिए अपनी अल्प आय दिखाकर योजना का लाभ लिया है। यही नहीं जिनको पट्टे आवंटित हुए उन्होने पैसे कमाने के लालच में दुसरों को पट्टे बेट दिये जबकि नियमों के तहत पट्टे दुसरे के नाम दर्ज नहीं हो सकते हैं, इस पुरे खेल में नगर निगम के कर्मचारियों के साथ ही तत्कालीन पालिका अध्यक्षों की भुमिका भी संदेह के घेरे में है। वहीं जब इस बारे में पडताल शुरु हुई तो कर्मचारी एक दुसरे पर आरोपो का ठिंगरा फोडते नजर आये।
वहीं इस बारे में जब नगर निगम मुख्य अधिकारी से पुछा गया तो उन्होने भी माना कि पिछले कार्यकाल में की खामियां हुई है और योजनाओं का दुरुपयोग हुआ है जिसकी जांच करायी जा रही है। पट्टों के आवंटन में हुए करोडो के घोटाले के मामले में जहां अधिकारी जांच की बात कर रहे हैं वहीं हकीकत तो ये है कि इन पट्टों पर ज्यादातर वो लोग काबिज है जो तत्कालीन पालिका अध्यक्षों और अधिकारियों के चहैते थे, जिनके द्वारा मानकों को ताक पर रख कर पट्टे हस्तांतरित कर दिये गये और लाखों रुपये का खेल खेला गया, देखना होगा कि आखिर विभागीय जांच की आंच कहीं पहुचती भी है या फिर फाईलों में ही दफ्न होकर रह जाती है।