उत्तराखंड स्थित केदारनाथ धाम और यमुनोत्री के कपाट भैया दूज पर 27 अक्टूबर (गुरुवार) को शीतकाल के लिए बंद हो गये। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली ने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ प्रस्थान किया। कपाट बंद होने की पूर्व संध्या पर पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद डा.रमेश पोखरियाल “निशंक” सहित हजारों की संख्या में भक्तगण बाबा केदारनाथ के दर्शन किए।
केदारनाथ से मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली को विधि-विधान से पूजा-अर्चना पश्चात मंदिर परिसर में लाया गया। मंदिर की परिक्रमा के बाद डोली को मंदिर के अंदर प्रतिष्ठित कर दिया गया। गुरुवार को प्रात: साढे़ आठ बजे केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए रवाना हुई। पंचमुखी डोली द्वितीय पड़ाव विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी 28 अक्टूबर को पहुंचेगी। 29 अक्टूबर को पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी।भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली की पूजा-अर्चना पुजारी टी गंगाधर लिंग की।
इस मौके पर केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त सचिव/ बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि शीतकाल के लिए कपाट बंद होने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। मंदिर समिति शीतकाल में मंदिर सुरक्षा में तैनात सुरक्षा पुलिस कर्मियों को खाद्य सामग्री और आवास व्यवस्था मुहैया करा रही है।
यमुनोत्री धाम के कपाट 27 अक्टूबर को होंगे बंद-
भैया दूज पर 27 अक्टूबर को दोपहर 12.09 बजे यमुनोत्री के कपाट बंद कर दिए गये। 27 अक्टूबर की सुबह यमुना की डोली लेने के लिए खरसाली गांव से शनि महाराज की डोली यमुनोत्री पहुंची। कपाट बंद होने तक खरसाली स्थित यमुना मंदिर में श्रद्धालु मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे।