2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान मारे गए लोगों के शवों का दाह संस्कार करवाने सम्बन्धी जनहित याचिका पर उच्च न्यायलाय की खण्डपीठ ने फैसला सुनाते हुए मृतकों के मुआवजे को 50 प्रतिशत बड़ाने, लावारिस पड़े शवों को रीती रिवाज से दाह संस्कार कराने समेत न्यायालय ने एस.एस.पी.स्तर के अधिकारियों की पांच विशेष जांच टीमें बनाकर लावारिश शव तलाशने के साथ डी.एन.ए.कराने के निर्देश दिए हैं । दिल्ली निवासी आचार्य अजय गौतम ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि केदारनाथ में आई आपदा में 3500 लोगों की गुमशुदगी दिखाई गई थी जबकी सरकार द्वारा अबतक केवल 450 लोगो के शव ही खोज सकी है ।
गौरतलब है कि पिछले दिनों प्रदेश सरकार कि मुश्किलें तब बढ गई थीं जब केदारनाथ के रास्ते में नर कंकाल मिलने लगे थेय़ सरकार ने आनन फानन में शवों की तलाश का काम तो शुरू करा दिया था लेकिन चुनावी माहौल में ये सरकार और खासतौर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिये परेशानी का सबब बन गया था।