केदारनाथ मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने का समाचार भ्रामक

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केदारनाथ मंदिर राष्ट्रीय धरोहर में शामिल नहीं होगा। केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के लिए संस्कृति विभाग की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं है और न ही भविष्य में ऐसी कोई योजना है। यह जानकारी शुक्रवार को संस्कृति विभाग सचिव हरिचन्द्र सेमवाल की ओर आयोजित बैठक में दी गई।

दरअसल दैनिक समाचार पत्रों में ‘केदारनाथ मंंदिर राष्ट्रीय धरोहर बनेगा’ तथा ‘त्रिवेन्द्र की गलती न दोहराएं धामी: महापंचायत’ शीर्षक से खबर छपी थी। इसी के संदर्भ में शुक्रवार को संस्कृति विभाग सचिव हरिचन्द्र सेमवाल की ओर से बैठक आयोजित की गई।

बैठक में सचिव की ओर से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद् मनोज सक्सेना से पूछा गया कि केदारनाथ मन्दिर राष्ट्रीय धरोहर बनेगा, इसका आधार क्या है? इस सम्बन्ध में शासन स्तर से कोई आदेश निर्गत हुआ है? इस पर बताया गया कि इस सम्बन्ध में उत्तराखंड शासन स्तर से कोई भी निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। जिस पर सचिव की ओर से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि इस प्रकार तथ्यहीन एवं भ्रामक सूचना प्रकाशित होने से आम जनमानस में गलत संदेश पहुंचता है, इसलिए अपने विभाग स्तर से वास्तविक तथ्यों से सूचना महानिदेशक को तत्काल जानकारी देकर सही तथ्यों का संज्ञान लेकर समाचार का खंडन किया जाए। इसके बाद सूचना विभाग महानिदेशक को पत्र लिखकर इस खबर का खंडन प्रकाशित करने को कहा गया है।

इसी के साथ बताया गया कि संस्कृति विभाग के अन्तर्गत वही स्मारक, स्थल संरक्षित घोषित होते हैं जो पुरातात्विक महत्ता के होते हैं। वर्तमान में संस्कृति विभाग के अन्तर्गत 70 स्मारक, स्थल संरक्षित घोषित हैं, जबकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से प्रदेश के 43 स्मारक, स्थल संरक्षित घोषित हैं। केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के संबंध में प्रकरण संस्कृति विभाग के कार्य क्षेत्र में नहीं है और न ही इस प्रकार का कोई प्रस्ताव संस्कृति निदेशालय की ओर से शासन को संदर्भित किया गया है।

हरिचन्द्र सेमवाल ने कहा कि केदारनाथ धाम ऐतिहासिक एवं पौराणिक धार्मिक आस्था का केन्द्र बिन्दु है जिसमें देश ही नहीं पूरे विश्वभर के श्रद्धालुओं की आस्था है। प्रदेश के धार्मिक स्थलों को श्रद्धालुओं के लिए सुगम एवं सुव्यवस्थित और सर्वांगीण विकास करना प्राथमिकता है।

उन्होंने विभिन्न समाचार पत्रों में केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किए जाने संबंधी समाचार का खण्डन करते हुए इस तरह की खबरों को निराधार एवं तथ्यहीन बताया। साथ ही कहा कि शासन की ओर से इस प्रकार का कोई प्रस्ताव भारत सरकार को नहीं भेजा गया है।