उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के तहत टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरु करने की योजना है।प्रदेश में इससे पहले भी यह योजना कई बार बनाई जा चुकी है लेकिन कभी भी यह योजना पूरी नहीं हो पाई है।यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सुविधाओं में नई जान फूंकने के लिए केदारनाथ में इस साल से इसकी शुरुआत की जा सकती है।इस कवायद को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।अगर यह योजना परवान चढ़ी तो इसका फायदा केवल यात्रियों को ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय लोगों को भी इससे बहुत लाभ मिलेगा।
इस योजना की शुरुआत से ना सिर्फ आसपास के विशेषज्ञता वाले अस्पतालों के डाक्टर मरीज देखेंगें, बल्कि अखिल भारती आयुर्विज्ञान संस्थान व पीजीआइ चंडीगढ़ तक के विशेषज्ञ इससे जुड़ सकेंगे।
टेलीमेडिसिन योजना भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) की मदद से अमल में लाई जाएगी। उत्तराखंड के चार धाम गंगोत्री,यमुनोत्री,केदारनाथ, और बद्रीनाथ को इससे जोड़ा जाएगा।इस योजना की शुरुआत केदारनाथ धाम से कि जाएगी।टेलीमेडिसिन केंद्र में वी-सैट, वीडियो कांफ्रेंसिंग उपकरण, टेलीमेडिसिन साफ्टवेयर के साथ डायग्नोस उपकरण जैसे ईसीजी मशीन और एक्स-रे स्कैनर आदि की सुविधा होगी।
स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक इस योजना के संबंध में राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।प्रस्ताव में टेलीमेडिसिन के साथ ही एयर एंबुलेंस जैसी सुविधाओं को शामिल किया गया है।स्वास्थ्य महानिदेशक डा.डीएस रावत ने बताया कि इस प्रस्ताव में आधुनिक तरीके से लोगों की समस्या का समाधान करने के लिए पूरा प्लान तैयार किया गया है।टेलीमेडिसिन पर आने वाला खर्चा सालाना लगभग 30 करोड़ का है।यह सुविधा केवल केदारनाथ तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि यह विभाग अन्य जिलों में भी अपना विस्तार करेगा।उत्तराखंड के दूर दराज़ गांवों में भी अच्छे और विशेषज्ञता वाले डाकटरों द्वारा इलाज किया जाएगा।
इसके साथ ही पीपीपी मोड पर एयर एम्बुलेंस सुविधा शुरु करने की भी योजना है जिसपर साल का 15 करोड़ का खर्चा आने की उम्मीद है।एयर एंबुलेंस से मरीजों को इमरजेंसी में तुरंत इलाज मिलेगा और चारधाम मार्ग में आने वाले श्रद्धालुओं को काफी आराम मिलेगा।पिछले कई वर्षों में चाराधाम यात्रा के दौरान यात्रियों के हार्ट अटैक से मरने के कई मामलें आए हैं जिसने सरकारी इंतजाम पर कई सवाल खड़े किए हैं।स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार यात्रा मार्ग पर सुपर स्पेशियालिटी एंबुलेंस का सुविधा ना होने की वजह से यह अनहोनी हुई है।
इस योजना पर जल्दी से जल्दी काम शुरु होने की एक वजह यह भी हो सकती है कि स्वास्थ्य विभाग खुद मुख्यमंत्री का विभाग हैं।नई सरकार के एक्शन मोड में आने के बाद ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि यात्रा मार्ग पर सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए।पैरामेडिकल स्टाफ, डाक्टर व बाकी सभी संसाधन यात्रियों में सेवा में तैयार रहना चाहिए।