केदारनाथ यात्रा के दौरान बर्फबारी होने के चलते यात्रा बाधित हो रही है। रविवार को भी बर्फबारी होने पर यात्रियों को भीमबली, लिनचोली, जंगलचट्टी में कुछ देर के लिए रोका गया। मौसम ठीक होने पर आवाजाही सुचारु हो गई। वहीं, गत रात्रि भी लिनचोली में बर्फबारी के बाद ढाई हजार यात्रियों को रोका गया था, जो रविवार को दर्शन कर लौट गए। गौरीकुंड में एक यात्री के घायल होने पर पुलिस ने उसका उपचार किया तथा उसे पालकी में केदारनाथ दर्शनों को भेजा।
रविवार को केदारनाथ व पैदल मार्ग पर बर्फबारी होती रही। प्रशासन ने बर्फबारी के दौरान यात्रियों को विभिन्न पड़ाव पर कुछ देन के लिए रोका गया। मौसम ठीक होने पर फिर से यात्रियों की आवाजाही सुचारू कर दी गई। शनिवार को केदारनाथ में मौसम खराब होने के कारण देर शाम केदारनाथ जा रहे ढाई हजार यात्रियों को पुलिस ने लिनचोली में ही रोक दिया। इनके लिए लिनचोली चौकी पुलिस, प्रशासन, डॉक्टर्स, गढ़वाल मंडल विकास निगम व प्राइवेट टेंट हाउस, मेडिकल रिलीव पोस्ट ने आपसी समन्वय स्थापित कर यात्रियों के रुकने की व्यवस्था की। यात्रियों के लिए अलाव जलाये वहीं यात्रियों को गर्म कपड़े भी दिए। यात्रियों के खाने की व्यवस्था भी की गई। सभी यात्रियों ने पुलिस प्रशासन का धन्यवाद किया। एसपी अजय सिंह ने बताया कि रविवार को यह सभी यात्री केदार बाबा के दर्शन कर लौट गए।
वहीं, रविवार को सूरत गुजरात से केदारनाथ धाम आई जागृति महिला यात्री भावेश पत्नी प्रदीप भावेश पैर पर चोट लग जाने के कारण घायल हो गई। पुलिस की हिल पेट्रोलिंग यूनिट सोनप्रयाग में तैनात पुलिसकर्मी अंकित कुमार ने उक्त महिला यात्री का अस्पताल में उपचार कराया। गौरीकुंड पुलिस महिला को ले गई, और यहां से पालकी की व्यवस्था कर उसे केदारनाथ भेजने की व्यवस्था की।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि बर्फबारी होने के कारण पुलिस यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक रही है, लेकिन मौसम ठीक होते ही पैदल मार्ग पर आवाजाही सुचारु कर दी जा रही है।
केदारनाथ पैदल मार्ग पर बढ़ाएंगे एसडीआरएफ जवान
केदारनाथ पैदल मार्ग पर जगह-जगह हिमखंडों को देखते हुए यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन मार्ग पर पुलिस और एसडीआरएफ के जवानों की संख्या में बढ़ाएगा। शनिवार देर शाम हिमखंड की चपेट में आने से एक युवती की मौत के बाद प्रशासन ने यह निर्णय लिया है।
शीतकाल में भारी बर्फबारी के कारण गौरीकुंड से केदारनाथ तक 16 किलोमीटर की दूरी पर कई जगह हिमखंड काटकर पैदल मार्ग बनाया है। तापमान बढ़ने से इन हिमखंडों के टूटने का खतरा बना रहता है। विशेषकर भीमबली से केदारनाथ (आठ किमी) के बीच स्थिति ज्यादा संवेदनशील है। हालांकि प्रशासन ने एहतियातन 16 किलोमीटर लंबे मार्ग पर पुलिस, पीएसी, होमगार्ड और एसडीआरएफ के कुल 200 जवानों की तैनाती की गई है। बावजूद इसके शनिवार शाम हुए हादसे के बाद यह तादाद और बढ़ाने का निर्णय लिया है।
रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत मार्ग पर सुरक्षा कर्मी व पेट्रोलिंग टीमों के सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाएगी, साथ ही पैदल मार्ग पर पुलिस का मूवमेंट भी बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि यात्रियों को साइन बोर्ड के माध्यम से संवेदनशील स्थानों की जानकारी देने के साथ ही क्या सावधानी बरतनी है, इससे भी अवगत कराया जाएगा। पुलिस व आपदा प्रबंधन की टीम भी यात्रियों को पैदल मार्ग पर सावधानीपूर्वक चलने व डेंजर जोन के बारे में जरूरी जानकारी देगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में भी पैदल मार्ग के प्रमुख पड़ाव पर गौरीकुंड, जंगलचट्टी, भीमबली, लिनचोली में पुलिस, एसडीआरएफ, महिला पुलिस, पीआरडी, होमगार्ड, जिला आपदा प्रबंधन की टीम तैनात हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि पैदल मार्ग पर प्रमुख पड़ावों पर मेडिकल टीम भी तैनात हैं। टीम के पास पर्याप्त मात्र में जरूरी दवाएं भी हैं।
हादसे की होगी जांच: जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि शनिवार को केदारनाथ पैदल मार्ग पर हिमखंड के चपेट में आने से युवती की मौत के मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच सेक्टर मजिस्ट्रेट करेंगे। उन्होंने बताया कि देखा जाएगा कि हादसे की सूचना मिलने के कितनी देर बाद रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची।