बजट की कमी से ‘खुशियों की सवारी’ के पहिए जाम

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देहरादून। प्रसव के बाद जच्चा बच्चा को घर तक छोड़ने वाली ‘खुशियों की सवारी’ अब केवल शहर के अंदर रहने वाली मां को ही घर तक छोड़ रही है। शहर से बाहर एंबुलेंस नहीं जा रही है। बजट न मिलने के कारण खुशियों की सवारी संचालित करने वाली जीवीके ईएमआरआई कंपनी ने ये कदम उठाया है।

राज्य में 108 एंबुलेंस व खुशियों की सवारी का संचालन जीवीके ईएमआरआई कंपनी करती है। जीवीके ईएमआरआई एक गैर लाभकारी संस्था है और नियमानुसार इसका टीडीएस नहीं कटता। जबकि गत वर्षो में संस्था का टीडीएस कटता रहा है। ऐसे में विभाग ने संस्था को आयकर विभाग से पिछला टीडीएस प्राप्त करने के लिए कहा है। कंपनी का 2008 में राज्य सरकार के साथ अनुबंध हुआ था और अगले साल मार्च 2018 में यह समाप्त हो रहा है। विभाग यह मान रहा है कि इसके बाद टीडीएस निधि का उपयोग राज्य हित में नहीं हो पाएगा। ऐसे में नया भुगतान रोक दिया गया।