उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और नैनीताल से बीजेपी सांसद भगत सिंह कोशियारी ने अपनी राजनीतिक पारी को विराम देने की तरफ इशारा किया है। कोशियारी ने कहा है कि अब वो एक्टिव पॉलिटिक्स से दूर रहकर अपने जीवन के अनुभवों पर किताब लिखना चाहते हैं।
दरअसल कोशियारी के इस इशारे को इस बात से भी जोड़कर देखा जा रहा है कि वो अब 75 साल के हो चुके हैं। और बीजेपी ने 75 साल को पार्टी में रिटायरमेंट उम्र की तरह मान रखा है। प्रधानमंत्री मोदी पहले ही कह चुके हैं कि 75 साल पार कर चुके नेताओं को केंद्र और राज्यों में कोई पद नहीं लेना चाहिये। इसके चलते केंद्रीय कैबिनेट में भी किसी 75 प्लस नेता को जगह नही मिली। वैसे पार्टी अध्यक्ष अमित साह ने ये साफ कर दिया था कि उम्र सीमा को लेकर पार्टी में कोई नियम नही है।
कहा ये भी जा रहा है कि संघ प्रचारक और संघ नेताओं के करीबी कोशियारी को किसी राज्य का राज्यपाल भी बनाया जा सकता है। लेकिन खुद कोशियारी का कहना है कि वो पहले भी इस तरह की पेशकश को ठुकरा चुके हैं। कशियारी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और 2007 में बतौर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर उनके नेतृत्व में बीजेपी चुनाव जीती थी। लेकिन उस समय पार्टी ने कोशियारी की जगह बीसी खंडूरी को मुख्यमंत्री बनाया था। खंडूरी भी खुद अपनी राजनीतिक पारी के आखिरी ओवर खेल चुके हैं।
बहरहाल नैनीताल लोकसभा सीट से कोशियारी से कमान कौन ले सकता है इस बारे में कोशियारी खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं। लेकिन सबसे प्रबल दावेदारों में पूर्व सांसद बलराज पास्सी का नाम चल रहा है। बलराज पास्सी ने 1991 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के कद्दावर नेता और उस समय प्रधानमंत्री पद के दावेदार नारायण दत्त तिवारी को हार का स्वाद चखाया था।