रुद्रपुर, पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ ने कहा कि, “प्रदेश की भाजपा सरकार को कृषक महोत्सव मनाने को कोई अधिकार नहीं है। जिस प्रदेश में छह किसानों ने कर्ज में डूब कर आत्महत्या कर ली हो उस सरकार को कृषक महोत्सव मनाने के बजाए किसानों के हित के लिए योजनाएं चलानी चाहिए, ताकि हमारे अन्न दाता अपनी जान देने को मजबूर न हो।”
पूर्व मंत्री तिलक राज बेहड़ ने कहा कि उत्तराखण्ड में किसान अपनी फसल बेचने के लिए मारे मारे घूम रहा है। सरकार द्वारा धान के कांटे जगह-जगह लगाए नहीं गए है और जिस जगह लगे हैं तो कोई धान खरीद नहीं रहा है। ऐसे में किसान अपनी फसल लेकर दर दर भटक रहा है जो हमारे देश के लिए चिंता का विषय है। विगत दिनों भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा बयान दिया गया था के भाजपा ने कभी किसानों के कर्ज माफी का वादा नहीं किया था। “भाजपा नेताओं को इतनी भी शर्म नहीं आती कि दिन में तीन बार जिस किसान का उगाया अन्न खाकर वह अपना पेट भरते हैं उसकी मृत्यु का मजाक उड़ाना क्या अच्छा है।”
जिला उधमसिंह नगर में तीन तीन किसानों के कर्ज में डूब कर आत्हत्या कर ली थी, प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मृतक किसानों के परिजनों से मिलना भी जरूरी नहीं समझा तो आज यह किस हक से कृषक महोत्सव मना रहे हैं। यह कृषक उत्सव नहीं बल्कि मृतक किसानों का अपमान है।
श्री बेहड़ ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार ने किसानों की फसल के नुकसान के बाद राहत देने के लिए बीमा फसल योजना शुरू की है। जिसमें जिस किसान ने सोसाइटी से लोन लिया हुआ है और उसका पी्रमियम कटा हुआ है, यदि उसकी फसल खराब होती है तो उसको 24 घण्टे के अन्दर प्रार्थना पत्र के साथ कटे हुए प्रीमियम की रसीद भी बैंक या सोसाइटी में जमा करवानी होगी उसके बाद किसान का प्रार्थना पत्र केन्द्र में भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त बीमा कम्पनी को भेजा जाएगा। श्री बेहड़ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार व उत्तराखण्ड सरकार किसानें के लिए एक जुमला साबित हुई है।