कुमाऊं का ग्रासलैंड बना बाघों का नया अाशियाना

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यह पूरे देश में शायद पहली बार होगा जब आप उत्तराखंड क्षेत्र के कुमाऊं मे पहला मानव निर्मित ग्रासलैंड दिखेगा जहां बाघिन और उसके बच्चों को आप घूमते हुए देख सकते हैं जिसे वो अपना घर मानते हैं। एक मानव रचित ग्रासलैंड, जो सालों की कड़ी मेहनत के बाद कुमाऊं के जंगल में बनाया गया है उसको आखिरकार सफलता का स्वाद चखने का मौका मिल गया है।

डाली रेंज के पूरब तराई की तरफ जंगलों में विभाजन पर बसा यह ग्रासलैंड लगभग 60 हेक्टेयर में फैला हुआ है, और पिछले 2 सालों से एक्सपेरिमेंट के आधार पर चल रहा है जिसमें इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा बाघों को और हाथियों को बसाया जा सके।

आफिसरों के अनुसार इस प्रोजेक्ट का टेस्ट सफलतापूर्वक किया गया जिसके बाद इसका उद्देश्य एक ऐसा हैबिटेट बनाना है जिसके बाद इसमें ज्यादा से ज्यादा बाघों को इस ग्रासलैंड में बसाया जा सके और उनके बच्चों की जनसंख्या को ट्रैक किया जा सके।