वतन के लिए शहीद अमित के सिर पर अक्टूबर में सजना था सेहरा

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अमित
जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में 5 अप्रैल को भारतीय सेना चतुर्थ छाताधारी बटालियन विशेष बल के जवान अमित अंथवाल पुत्र नागेंद्र प्रसाद अंथवाल निवासी ग्राम कोला, विकासखण्ड कल्जीखाल, पौड़ी गढ़वाल घुसपैठियों की मुठभेड़ में शहीद हो गए। अमित के सिर पर अक्टूबर में शादी का सेहरा सजना था लेकिन उससे पहले ही वह देश की आन, बान और शान के लिए आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हो गया।
– विकासखंड कल्जीखाल कोला के अमित अंथवाल की शहादत की सूचना से पूरा गांव स्तब्ध 
– अमित के माता पिता और बहनों का रो-रो कर बुरा हाल
– अक्टूबर में होनी थी शादी लेकिन उससे पहले ही दुनिया को कह गया अलविदा 
अमित के शहीद होने की सूचना जब घर में पहुंची तो घर में मातम पसर गया और गांव के सभी लोग उनके घर पहुंचकर शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाने लगे। अमित के माता पिता और दिल्ली से पहुृंची दोनों बहनों के आंसू थम ही नही रहे हैं ।
पूर्व प्रधान विमल अंथवाल ने बताया कि अमित जनता इण्टर कॉलेज डांगीधार ने 12वीं पास करने के बाद सेना में भर्ती हो गया था। वह लगभग 8 साल की सेवा सेना में दे चुका था । अमित के पिता नागेन्द्र प्रसाद किसान हैं और उनकी माता भगवती देवी गृहणी हैं। अमित की दो बड़ी बहनें शोभा और पिंकी की शादी हो चुकी है । अमित अपने परिवार का इकलौता लड़का था। उसके इस तरह चले जाने से उसके माता पिता का सहारा छिन गया और वो बिलकुल अकेले हो गये।
अक्टूबर महीने में अमित की शादी होनी तय थीं और घर में खुशियां आने वाली थीं लेकिन विधाता को कुछ और ही मंजूर था। किसी ने सोचा भी नहीं था कि जिसके सर पर सेहरा सजने वाला है वह भारत माता का लाल उससे पहले ही तिरंगे पर लिपट कर घर आएगा । पूरे क्षेत्र में इस घटना को सुनकर मातम पसर गया है लोग स्तब्ध हैं कि आज किस तरह एक माता पिता का सहारा संसार से विदा ले रहा है ।