देश के कोने-कोने से केदारनाथ क्यों पहुंच रहे कारीगर,पढ़ें

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केदारनाथ आपदा

केदारपुरी में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल पैदल मार्ग पर पहाड़ी शैली के पत्थर (पठाली) बिछाने का कार्य शुरू हो गया है। मंदिर के ठीक सामने पैदल मार्ग और मंदिर के चबूतरे पर 40 हजार पठाली बिछाई जानी हैं। इसके लिए बड़ी संख्या में कारीगरों की जरूरत पड़ेगी, ताकि कपाट खुलने से पूर्व कार्य पूर्ण हो जाए। इसी को ध्यान में रख जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान व मध्य प्रदेश के कारीगरों को निमंत्रण भेजा है। वहीं, आगामी यात्रा सीजन में यात्रियों के लिए एक नया एप तैयार करने पर भी मंथन चल रहा है।

बीते वर्ष 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारपुरी में 700 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास किया था। साथ ही पुनर्निर्माण कार्यों को समय से पूर्ण करने के भी निर्देश दिए थे। इसी के मद्देनजर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के साथ ही डीएम मंगेश घिल्डियाल भी कई बार केदारपुरी पहुंचकर पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा ले चुके हैं।

शुक्रवार को डीएम घिल्डियाल ने बताया कि केदारपुरी में पैदल मार्ग व मंदिर के चबूतरे समेत अन्य स्थानों पर पहाड़ी शैली के 40 हजार पत्थर बिछाए जाने हैं। इन्हें काटने के लिए 25-25 क्विंटल वजनी छह मशीनें केदारपुरी पहुंचाई जा चुकी हैं। कङ्क्षटग के बाद इन पत्थरों को तराशकर धाम में बिछाया जाएगा। लेकिन, इसके लिए बड़ी संख्या में कारीगरों की जरूरत है। सो, प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों से ऐसे कारीगरों को केदारनाथ आने का निमंत्रण भेजा गया है, जो पत्थर बिछाने में निपुण हों।

बताया कि ऐसे कारीगर रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन से संपर्क कर सकते हैं। उन्हें तय मजदूरी के आधार पर ही भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा यात्रा के लिए एक नया एप भी तैयार किया जा रहा है। इस एप में यात्रियों के लिए तमाम जानकारियां उपलब्ध होंगी। इसके पीछे ध्येय यह है कि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।