रस्सी पर झुलती जिंदगी, पुल के अभाव में ग्रामीण परेशान 

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गोपेश्वर, लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के बाद मंलगवार को चमोली जिले में मौसम खुशगवार तो हुआ लेकिन सीमांत जोशीमठ कल्प घाटी के अरोसी गांव के लोगों की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। कल्प गंगा के उफान ने इस घाटी को जोड़ने वाला एकमात्र पैदल पुल बहा दिया है। इससे गांव का संपर्क मुख्यालय से टूट गया है। ऐसे में अब लोग एक रस्सी के सहारे नदी को आरपार कर रहे हैं।
2013 की आपदा में खबला नामक स्थान पर बना पैदल पुल बह जाने के बाद यहां पर बीएडीपी (सीमा क्षेत्र विकास योजना) के तहत दो करोड़ रुपये की धनराशि से पुल निर्माण कार्य शुरू हुआ था। केंद्र सरकार ने एक करोड़ 40 लाख रुपये देने के बाद अभी तक 60 हजार की धनराशि नहीं दी है जिससे पुल निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ पाया है। ग्रामीणों ने थगला तोक में कल्पगंगा पर एक कच्चे पुल का निर्माण किया था जो रविवार को आई भारी बारिश में बह गया है। इससे ग्रामीणों को अब गांव जाने के लिए 15 किमी अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है।
मंगलवार को उर्गम घाटी के ग्रामीणों ने कल्पगंगा पर खवाला में पैदल पुल के निर्माण कार्य में देरी को लेकर लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता का घेराव किया। ग्रामीणों ने कहा कि पुल निर्माण न होने से उन्हें अपने गंतव्य तक जाने के लिए 15 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर रहे हैं।
उन्होंने जिलाधिकारी को भी ज्ञापन सौंपकर पुल निर्माण में तेजी लाने की मांग उठाई है। कल्पगंगा क्षेत्र विकास आंदोलन के सचिव लक्ष्मण सिंह नेगी ने कहा कि कल्पगंगा पर लकड़ी का अस्थाई पुल निर्मित किया गया था, लेकिन नदी का जलस्तर बढ़ने से 17 अगस्त को वह बह गया है।
इससे उन्हें सड़क तक पहुंचने के लिए 15 किमी की दूरी तय करनी पड़ रही है। वर्ष 2014 से खवाला में लोहे का पुल निर्माण कार्य चल रहा है लेकिन पुल निर्माण की गति बेहद धीमी है।
लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) के ईई डीएस नेगी ने कहा कि वर्ष 2013 में खवाला में पैदल पुल बह जाने के बाद बीएडीपी (सीमा क्षेत्र विकास योजना) की ओर से पुल निर्माण के लिए दो करोड़ रुपये स्वीकृत हुए। एक करोड़ 40 लाख रुपये देने के बाद केंद्र सरकार से 60 लाख की धनराशि आवंटित नहीं हो पाई है। इससे पुल निर्माण में देरी हुई है। अब जिला योजना से पुल निर्माण कार्य पूर्ण किया जा रहा है। इस मौके पर केदार सिंह, तोता सिंह, अमर सिंह, कुंवर सिंह आदि मौजूद थे।