पिथौरागढ़, पलायन की मार झेल रहे उत्तराखंड का पहाड़ अब धीरे-धीरे बदल रहा है शहरों की जिंदगी में रोजगार की तलाश कर रही हो आप अपने गांव की पगडंडी को सवारने की कोशिश में जुट चुके हैं, जिसकी पहली सीढ़ी बना है त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव।
इस चुनाव में शहर में जीवन यापन करके अपने रोजी-रोटी का जुगाड़ कर रहे परिवारों को एक बार फिर गांव की जड़ों से जोड़ दिया है। ऐसी ही कहानी है युवा पत्रकार गोविंद की जिसने रिवर्स पलायन का एक बेहतर नमूना पेश किया है। गंगोलीहाट के रहने वाले गोविंद सिंह बिष्ट ने 15 साल शहर में बिताने के बाद मीडिया की नौकरी छोड़ रिवर्स पलायन किया और प्रधान पद के लिए अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाया और पहले ही कोशिश में अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से 27 वोटों से जीत गए।
गोविंद सिंह बिष्ट पिछले 15 सालों से मुंबई-देहरादून में विभिन्न न्यूज़ चैनलों में कैमरामैन के पद पर रहे। पिछले 5 सालों से अधिक समय से वह देहरादून में जी न्यूज़ में सीनियर कैमरामैन के पद पर थे। गोविंद सिंह बिष्ट ने ज़ी न्यूज़ से इस्तीफा देकर रिवर्स पलायन कर वापस अपने गांव लौट गए। पहले वह स्वयं चुनाव लड़ रहे थे लेकिन महिला सीट होने के कारण उन्हें अपनी पत्नी को चुनाव लड़ना पड़ा। गोविंद सिंह बिष्ट ने कहा कि गांव वालों के भरोसे पर खरा उतरेंगे और अपने गांव को आदर्श गांव के रूप में स्थापित करेंगे, क्योंकि शहर सिर्फ छलावा देते है, अगर गांव मजबूत होंगे तो रोजगार की तलाश में युवाओं को शहरों की गुमनाम गलियों में खोना नहीं पड़ेगा । युवा सोच नए तरीकों से गांव में रोजगार को जन्म दे सकती है यही हम लोगों का प्रयास रहेगा।