डोईवाला- विश्व कुष्ठ रोग दिवस के अवसर पर स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के अधीन हिमालयन हॉस्पिटल की ओर से बुधवार 30 जनवरी को स्वास्थ्य जागरुकता शिविर आयोजित किया जाएगा।
हिमालयन हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ.वाईएस बिष्ट ने बताया कि, “शिविर सपेरा बस्ती के निकट निशुल्क शिक्षण संस्थान पेन-इंडिया स्कूल में सुबह 10.30 बजे आयोजित किया जाएगा। पूरी दुनिया में कुष्ठ रोगों के प्रति जागरुकता के लिए 30 जनवरी को शिविर आयोजित किए जाते हैं।” डॉ.वाईएस बिष्ट ने बताया कि, “त्वचा विभाग के चिकित्सक व एमबीबीएस छात्र-छात्राओं का दल लोगों को कुष्ठ रोगों के लक्षण, कारण व उपचार की जानकारी के साथ उससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करेगा। जागरुकता शिविर में आने वाले लोगों को हिमालयन हॉस्पिटल में निशुल्क पंजीकरण कर उपचार किया जाएगा।”
180,000 लोग कुष्ठ रोग से संक्रमित
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार आज दुनिया भर में तकरीबन 180,000 लोग कुष्ठ रोग से संक्रमित हैं, जिसमें से अधिकतर अफ्रीका और एशिया में हैं। कुष्ठ रोग से कई गलत अवधारणाएं जुड़ी हैं, जिनके चलते बीमारी से ग्रस्त लोगों को सामाजिक कलंक और भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
कुष्ठ रोग- कुष्ठ रोग एक संक्रामक बीमारी है जो धीमी गति से विकसित होने वाले बैक्टीरिया माकोबैक्टीरियम लेप्री के कारण होता है। कुष्ठरोग आमतौर पर दो प्रकार का होता है। ट्यूबरकुलॉयड पहले प्रकार का कुष्ठ रोग और लैप्रोमैटस दूसरे प्रकार का कुष्ठ रोग है। दूसरे प्रकार का कुष्ठरोग अधिक घातक होता है और इसके कारण शरीर की त्वचा में बड़े-बड़े उभार और गांठे बन जाती हैं।