प्रदूषण जांच केन्द्रों पर लगीं वाहनों की लम्बी कतारें

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देहरादून,  नये मोटर वाहन अधिनियम को लेकर उत्तराखण्ड में भी हड़कंप मचा हुआ है। इस नये एक्ट में भारी भरकम चालान राशि निर्धारित किये जाने का जहां एक ओर परिवहन संघ और यूनियनों में भारी रोष है वहीं अब हर कोई अपने वाहनों के कागजात दुरस्त करने में जुटा हुआ है।
इस नये एक्ट के अनुसार नियम इतने अधिक सख्त कर दिये गये हैं कि अगर एक बार किसी वाहन चालक को चालान का भुगतान करना पड़ा तो उसका सारा गणित ही गड़बड़ा जायेगा। यही कारण है कि वाहन चालकों में अभी से भय का माहौल दिखायी दे रहा है जबकि अभी राज्य में पुराने नियमों के आधार पर चालान किये जा रहे हैं। इस नये एक्ट के विरोध में उत्तराखण्ड परिवहन महासंघ द्वारा हड़ताल का ऐलान कर दिया गया है जिसके कारण बुधवार को राज्य में निजी बसें, सिटी बसें, विक्रम, आटो और टैक्सी, मैक्सी का संचालन पूरी तरह से ठप रहेंगे। निजी व्यवसायिक वाहन चालकों की मांग है कि चालान की पुरानी व्यवस्था को ही बहाल रखा जाये।
उधर प्रदूषण जांच केन्द्रों पर वाहन स्वामियों की लम्बी कतारें लगी हुई है। प्रदूषण सर्टिफिकेट न होने पर नये एक्ट में चालान की राशी एक हजार से बढ़ाकर 10 हजार कर दी गयी है। जिसके कारण लोग इस सर्टिफिकेट को लेने के लिए बेचैन है। दून में सिर्फ 19 प्रदूषण जांच केन्द्र है जबकि शहर में 10 लाख से अधिक वाहन है। खास बात है कि अब तक कोई भी वाहन चालक प्रदूषण जांच को लेकर सर्तक नहीं था। अधिकांश वाहन चालकों के पास प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट नही है। लेकिन अब इसके लिए आपाधापी मची हुई है।