स्वास्थ्य विभाग करेगा लंबे वक्त से गायब चिकित्सकों की ‘छुट्टी’

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देहरादून। ड्यूटी से गायब चिकित्सकों को स्वास्थ्य विभाग अब बख्शने के मूड में नहीं है। स्वास्थ्य सचिव नितेश कुमार झा ने इन्हें चिह्नित कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कार्यस्थल से लंबे समय से अनुपस्थित चिकित्सकों की अब विभाग से छुट्टी होगी। स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इन चिकित्सकों को अविलम्ब सेवा से हटाने की संस्तुति शासन से की जाए।

राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए स्वास्थ्य सचिव ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों व जनपदों के प्रमुख स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने विभागीय अफसरों की जमकर क्लास ली। उन्होंने दो टूक कहा कि अधिकारी पूर्ण मनोयोग से काम करें। झा ने अफसरों के विभागीय सेवाओं के प्रति अपनत्व का बोध लाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि काम में किसी भी तरह की उदासीनता बरती तो अब सीधा कार्रवाई होगी। इस तरह के अफसरों को पद से हटाने की चेतावनी भी उन्होंने दी है। उन्होंने विभाग में चिकित्सकों की कमी, संविदा चिकित्सकों व अनुबंधित चिकित्सकों की सही सूचना तैयार करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। झा ने कहा कि चिकित्सकों की तैनाती के लिए जनपद स्तर पर आवश्यकता का आकलन किया जाए। उन्होंने कहा कि भविष्य में चिकित्सकों की तैनाती शासन द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से परामर्श के उपरांत ही की जाएगी। बैठक में चिकित्सा उपकरणों की उपयोगिता व विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता के अनुसार उपकरण क्रय किए जाने के निर्देश भी उन्होंने दिए। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा निर्गत बजट का उपयोग जनपदों द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं की वरीयतानुसार समय अंतर्गत किया जाए। निजी सहभागिता द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की निरंतर सघन समीक्षा के निर्देश भी उन्होंने दिए हैं। खासकर एचएचएम द्वारा पोषित शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम व टेलीरेडियोलॉजी पर विशेष ध्यान देने को कहा है। क्षय रोग के उन्मूलन के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के निर्देश भी उन्होंने दिए। स्वास्थ्य मिशन के निदेशक युगल किशोर पंत ने कहा कि एनएचएम की ओर से जनपदों में किए जा रहे निर्माण कार्यों को समयबद्ध तौर पर पूरा किया जाए। ताकि केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध बजट का समुचित उपयोग हो सके।
बैठक में महानिदेशक डॉ. अर्चना श्रीवास्तव, मेडिकल चयन आयोग के अध्यक्ष डॉ. आरपी भट्ट, स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. जीएस जोशी, विभाग के सभी निदेशक, अपर निदेशक, संयुक्त निदेशक व एनएचएम के अधिकारी उपस्थित रहे।


ई-हॉस्पिटल को लेकर दिखाएं तेजी
अस्पतालों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रणाली, ई-रक्तकोष व ई-हॉस्पिटल संचालन पर भी विस्तृत चर्चा की गई। सभी जनपदों को निर्देशित किया गया कि इन्हें जल्द शुरू करने का प्रयास करें। ताकि प्रत्येक जनपद में कम से कम एक अस्पताल ई-हॉस्पिटल पद्धति के अनुसार संचालित किया जा सके। स्वास्थ्य सचिव ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के संचालन में आ रही तकनीकी विसंगतियों की जानकारी ली। यह निर्देश दिए कि अधिकारी यू-हेल्थ योजना के बेहतर संचालन के लिए अपने सुझाव स्वास्थ्य महानिदेशालय को उपलब्ध कराएं।

108 सेवा पर बुरा रहा फीडबैक
बैठक में 108 आपातकालीन सेवा को लेकर जनपदों का फीडबैक अच्छा नहीं रहा है। स्वास्थ्य सचिव ने इस विषय पर भी विस्तृत जानकारी ली। जिसमें बताया गया कि 108 सेवा की सेवा की गुणवत्ता के स्तर में निरंतर गिरावट आ रही है।

क्लीनिकल एक्टेबलिशमेंट एक्ट पर अब देर नहीं
क्लीनिकल एक्टेबलिशमेंट एक्ट पर अब विभाग किसी तरह की देरी नहीं चाहता। स्वास्थ्य सचिव ने जनपदों को आईएमए प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श कर इसे अंतिम रूप दिए जाने के निर्देश दिए हैं। ताकि यह एक्ट जल्द लागू किया जाए।
जिला चिकित्सालयों में आईसीयू
स्वास्थ्य सचिव ने मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में सभी 13 जनपदों के जिला चिकित्सालयों में आईसीयू विकसित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसकी कार्ययोजना जल्द तैयार कर ली जाए।