सदी का सबसे लम्बा चन्द्र ग्रहण 27 को

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हरिद्वार। आगामी 27 जुलाई को देश में सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण होगा। जो देश के सभी हिस्सों से दिखाई देगा। इस दौरान चंद्रमा थोड़ा सा लाल रंग का होगा। भारत के अतिरिक्त चन्द्रग्रहण दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, पश्चिम एशिया और मध्य एशिया के कुछ हिस्सों में भी दिखाई देगा।

ज्योतिषाचार्य डॉ. पं. प्रदीप जोशी के अनुसार इस बार पूर्ण चंद्र ग्रहण एक घंटे 43 मिनट का होगा, जबकि आंशिक ग्रहण एक घंटे से अधिक समय का होगा। आंशिक चंद्र ग्रहण 27 जुलाई को भारतीय समयानुसार रात 11:54 पर शुरू होगा और पूर्ण चंद्र ग्रहण 28 जुलाई को तड़के एक बजे शुरू होगा।

51 मिनट रहेगा घनघोर अंधेरा
जोशी ने बताया कि चंद्रमा 28 जुलाई को तड़के 1 बजकर 52 मिनट से 2 बजकर 43 मिनट तक सबसे ज्यादा अंधकार में रहेगा। इस अवधि में पृथ्वी के सबसे दूर होने के कारण चन्द्रमा पूर्ण रूप से अदृश्य हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अवधि के बाद 28 जुलाई को तड़के 3 बजकर 49 मिनट तक आंशिक चंद्र ग्रहण रहेगा। 27 जुलाई को पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा पृथ्वी की छाया के मध्य हिस्से से होकर गुजरेगा।

दान व पुण्य होगा फलदायी
पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा जब पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है तो वह चमकीले नारंगी रंग से लाल रंग का हो जाता है और एक दुर्लभ घटना के तहत गहरे भूरे रंग से और अधिक गहरा हो जाता है। यही कारण है कि पूर्ण चंद्र ग्रहण लगता है। बताया कि ग्रहण के मौके पर दान, पुण्य, जप-तप विशेष फलदायी होता है। बताया कि ग्रहण के समय आरम्भ, मध्यान्ह और मोक्ष काल में स्नान करना चाहिए। ग्रहण के समय दान देना विशेष फलदायी होता है। बताया कि ग्रहण में सबसे अधिक दान देना का समय ग्रहण का मोक्ष काल माना जाता है। अर्थात ग्रहण की समाप्ति पर दान करना चाहिए। जोशी ने बताया कि ग्रहण काल में शयन, मैथुन, भोजन ग्रहण करना शास्त्रों में निषेध बताया गया है। बच्चे, बिमार व वृद्धों को इसके लिए छूट दी गई है। कहा कि ग्रहण काल में भगवत भजन करना सबसे अधिक श्रेष्ठ होता है। ग्रहण काल में गर्भवती स्त्रियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। बताया कि गर्भवती महिलाओं को सब्जी काटना, सुई धागे का प्रयोग करना, शयन करना नहीं चाहिए। ऐसा करने से गर्भ में पल रहे बच्चे पर दुष्प्रभाव पड़ता है।