देहरादून का युवा छात्रों द्वारा चलाया जाने वाला एक्टिविस्ट ग्रुप,मेकिंग ए डिफ्रेंस बाई बिंग दि डिफ्रेंस, ने अपना पैक अप पालिथीन कैंपेन शुरु किया है। साल 2011 से यह ग्रुप सक्रियता से पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहा है। उनका नया कैंपेन पालीथीन के विरुद्ध और पालीथीन से प्रकृति पर होने वाले नुकसान पर आधारित है।
इस कैंपेन के अंर्तगत मैड के वालंटियर ने हाथ से बनाए हुए कागज के बैग शहर के सभी मुख्य जगहों पर बांटा। पिछले कई सालों से मैड ग्रुप ने देहरादून के बहुत से कालेंजों और स्कूलो में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों का जागरुक करने की कोशिश की है। इसी कड़ी में मैड के वालंटियर ने स्कूली बच्चों को पेपर से बने बनाने की कला को सिखाया।
कागज से बने बैग को इकट्ठा करने के बाद लोगों में बांटने के साथ ही बाजार में लोगों को देते हुए इन्होंने लोगों से यह गुज़ारिश की लोग पालीथिन बैग की जगह कागज के बैग का इस्तेमाल करें।
साल 2016 में मैड के वालंटियर और स्कूल के बच्चों ने लगभग 30,000 कागज के बैग को बनाकर लोगों में बांटने का काम किया है।इस ग्रुप की यह पहल आने वाले समय एक बड़े बदलाव का कराण बनेगी,जिससे राज्य में हो रहे पालिथीन से नुकसान और पर्यावरण पर हो रहे इसके नुकसान से बचा जा सकता है।
अभिजय नेगी जो मैड ग्रुप के सदस्य है उनका कहना है कि- हम यह उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में हाईकोर्ट द्वारा दिए गए पालीथिन बैन के इस फैसले को सरकार गंभीरता से लेगी।अभिजय कहते हैं कि ना केवल इस्तेमाल पर बैन हो बल्कि प्लास्टिक बनने वाले फैक्ट्री पर भी यह बैन होना चाहिए जिसेसे इसके इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगेगी।इसके अलावा कागज, जूट और कपड़े से बने बैग भी इस्तेमाल के लिए सहीं है और अथोरिटी से इनके इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहिए।।