देहरादून के शिक्षित छात्रों के संघठन, मेकिंग अ डिफ्फेरेंस बाइ बींग द डिफ्फेरेंस (मैड) संस्था ने उत्तराखंड सरकार की रिस्पना नदी को साफ व स्वस्थ करने की पहल का स्वागत किया है। सरकार के विभिन्न विभागों तथा समाज के सम्मानित पर्यावरणविदों के एकत्रित प्रयास और संकल्प को देखकर एक उम्मीद जगी है कि अब आखिरकार सही दिशा में सरकार ने कदम उठाया है तो रिस्पना को नया जीवन मिल पाएगा।
‘मैड’ इस बात से खुश है कि देहरादून की नदियों को बचाने के उसके पिछले साढ़े छह वर्षो के सतत प्रयासों के फलस्वरूप वह आज सरकार और समाज का ध्यान रिस्पना की ओर खीचने में सफल रही है। मैड संस्था एनअईएच रुड़की, आईआईटी रुड़की और एफआरआई के रूप में वैज्ञानिकों को साथ लेकर चलने के सरकार के निर्णय का स्वागत करती है। साथ ही साथ मैड सदस्य अपनी मांग को दोहराना चाहते है जिसमें वे एनअईएच रुड़की की उस रिपोर्ट के सुझाव को अमल मे लाने की बात कहते आये हैं, जो वैज्ञानिकों के एक दल ने 2014 में मैड के आग्रह पर ही रिस्पना के उद्गम क्षेत्र का सर्वे कर के तैयार की थी।
‘मैड’ सदस्य इस बात की उम्मीद करते हैं कि आज के संकल्प का एक सफल परिणाम निकले। सरकार सभी पक्षों को साथ में लेकर समय बद्ध और चरणबद्ध तरीके से एक व्यापक प्रयास करती रहेगी तो वह दिन दूर नही जब देहरादून को रिस्पना और बिंदाल के रूप में अपनी खोई हुई पहचान वापस मिल सकेगी।