मध्य प्रदेश के कटनी जिले में नोट बंदी के दौरान 26 सौ करोड़ के हवाला कांड के एक आरोपी संतोष गर्ग की ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 21 फरवरी को मौत हुई थी।एम्स प्रशासन के मुताबिक संतोष गर्ग 55 वर्ष को उसके परिजन 18 फरवरी को एम्स में लाए थे। संतोष को काफी कमजोरी की शिकायत थी ।जिस पर उसे जनरल मेडिसन वार्ड में भर्ती किया गया था। यहां उसका पता ललित आश्रम हरिद्वार लिखाया गया था । 21 फरवरी को संतोष की उपचार के दौरान मौत हो गई, जिसके बाद परिजन उसके शव को यहां से ले गए थे। ऋषिकेश स्तिथ एम्स में एक बड़ा मामला सामने आया है, मध्यप्रदेश के बहुचर्चित 2600 करोड़ के हवाला कांड का आरोपी संतोष गर्ग की ऋषिकेश एम्स में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, बताया जा रहा है कि आरोपी संतोष गर्ग काफी समय से फरार चल रहा था। संतोष अनीमिया बीमारी से ग्रस्त था और 21 फरवरी को उसे ऋषिकेष एम्स में इलाज के लिए लाया गया था जहाँ उसकी मौत हो गयी.उसके परिजन हरिद्वार में संतोष का गुपचुप तरीके से अंतिम संस्कार कर rahe थे जिसकी जानकारी मिलते ही हरिद्वार पुलिस ने शव को कबजे में लेकर इसका अंतिम संस्कार रुकवाया। मामले के बाद से ऋषिकेश एम्स सवालों के घेरों में खड़ी होती दिख रहा है, फिलहाल एम्स के अधिकारियों ने इस मामले में चुप्पी सiधी हुई है। बड़ा सवाल ये उठता है की क्या देश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान से इलाज में कोई चूक हुयी है?या बात कुछ और है? फिलहाल मामले की जाँच चल रही है। मृतक को पोस्टमार्टम के लिए हरिद्वार ले जाया गया है।