पहाड़ों की रानी मसूरी को देश के सबसे साफ हिल स्टेशन में से एक बनाने के लिए चलाए जा रहे हिलदारी आंदोलन के तहत 5 स्कूल में ‘मेकर्स स्पेस’, यानी ऐसी जगह बनाई जाएगी जहां पुरानी और बेकार चीज़ों से नये प्रोडक्ट बनाना सिखाया जाएगा।
इस कैंपेन के तहत “मेकर्स स्पेस” को कई सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में शुरू किया गया है। इनमे घनानंद इंटरमीडियेट कॉलेज, सनातन घर्म इंटर कॉलेज और मसूरी गर्लस इंटर कॉलेज शामिल हैं।
इस कार्यक्रम से जुड़े अभिलाष ने बताया कि “इससे स्कूल के बच्चे बचे हुए कपड़े का बेहतर उपयोग और रीसाइक्लिंग के गुर सीखेंगे। कार्यक्रम में बच्चों को सफाई से अध्यात्म को जोड़ने के बारे में भी बताया गया।” अभिलाष ने बताया कि,“ये एक ऐसी जगह है अपनाी सोच और जिज्ञासा को वास्तविकता का रूप दे सकते हैं। और ऐसा करने के लिये उन्हे यहां प्रेरणा और साधन दोनों उपलब्ध कराये जायेंगे। इसको सीखने के साथ ही वो अपने लिये आजिविका का साधन भी विकसित कर सकते हैं।”
इस खास कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए हिलदारी के अध्यक्ष अरविंद शुक्ला ने कहा कि, “महाराष्ट्र के विद्यालय उद्यम औऱ रीसिटी वर्कस के साथ शुरु किया मेकर्स स्पेस एक ऐसा क्लास रूम बनेगा जहां हम युवा छात्रों को बेकार हो चुके कपड़ों औऱ उससे जुड़े उत्पादों को रीसाइकल कर दोबारा उपयोग में लाने की कला सिखायेंगे।”
विद्यालय उद्यम व रीसिटी संस्था के तत्वाधान में किए जा रहे इस कार्यक्रम में निरंकारि मिशन के जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह के द्वारा घानानंद राजकिय इंटर कालेज के बच्चों को सिलाई मशीन भेंट की गई। हिलदारी फिलहाल ऐसे दो और स्कूलों की तलाश कर रहा है जहां मैकर्स स्पेस कार्यक्रम को शुरू किया जा सके और बच्चों को कबाड़ से काम निकालने की कला सिखाई जा सके।