ऋषिकेश, ग्राम सभा खदरी खड़कमाफ सहित आसपास के ग्रामीणों के लिए अच्छी खबर है। वन्यजीवों से प्रभावित खदरी और आसपास के किसानों को वन्यजीवों से हो रही परेशानी जल्द ही समाप्त हो जाएगी। सुरक्षा के मद्देनजर वन विभाग ने शुक्रवार से खाई खोदे जाने का कार्य शुरू कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि राजा जी नेशनल पार्क की सीमा से सटे खदरी खड़कमाफ क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों से वन्यजीव बाहुल्य प्रभावित क्षेत्र की श्रेणी में आ गया था। जिससे ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इस क्रम में प्रभावित ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर स्थानीय जैवविधता समिति के अध्यक्ष पर्यावरण विद विनोद जुगलान विप्र ने प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून से समस्या के निदान को गुहार लगाई थी। इसका संज्ञान लेते हुए सम्बंधित अरण्यपाल अधिकारी आईएफएस राजीव धीमान ने उप प्रभागीय वनाधिकारी ऋषिकेश बीबी मार्तोलिया सहित वन क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश को समस्या के निदान के लिए बेहतर कार्ययोजना के साथ उचित कदम उठाने के निर्देश दिए थे। वन क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश आर पी एस नेगी ने त्वरित संज्ञान लेते हुए पिछले माह प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर जायजा लिया था। लेकिन क्षेत्र में गंगा के जल में वृद्धि और बारिश के कारण काम शुरू नहीं हो सका था।
निवर्तमान ग्राम प्रधान सरोप सिंह पुण्डीर की उपस्थिति में खदरी स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक गढ़ी श्यामपुर के समीप बहुउपयोगी खाई खुदान का कार्य वन विभाग द्वारा शुरू किया गया। ऋषिकेश के रेन्ज अधिकारी आरपीएस नेगी ने बताया कि, “इससे न केवल वन्यजीवों से किसानों की फसल की सुरक्षा होगी बल्कि आवासीय क्षेत्र में प्रवेश कर जँगली हाथीयों द्वारा चाहरदीवारीयों को नुकसान से मुक्ति मिलेगी। साथ ही हाल ही में ग्राम पंचायत की पाँच हेक्टेयर भूमि पर किये गए पौधरोपण को भी संरक्षित किया जा सकेगा।”
जिन स्थानों पर व्यवहारिक रूप से खाई खोदना सम्भव नहीं है और वन्य जीवों द्वारा जंगल की सीमा से गांव में प्रवेश करते हैं ऐसे स्थानों पर एन्टी वाइल्ड लाइफ डिस एमिनेटर उपकरण लगाने के प्रयोग किया जा रहा हैं। इन स्थानों पर क्लोज सर्किट कैमरे लगाकर वन्यजीवों की प्रतिक्रिया ट्रैप की जाएगी। प्रयोग सफल होने पर समस्त वन्यजीव प्रभावित क्षेत्र में उपकरण लगाने की साशन से स्वीकृति ली जाएगी।