मारीशस के हाई कमिश्नर जगदीश्वर गोवर्धन स्वामी चिदानन्द से मिले

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ऋषिकेश। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में मारीशस के हाई कमिश्नर जगदीश्वर गोवर्धन ने मंगलवार को हिस्सा लिया। उन्होंने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट वार्ता की।
स्वामी चिदानन्द महाराज ने कहा कि हिन्दी हमारी राष्ट्र भाषा और मातृभाषा भी है, इसे पूरे विश्व में अपना दर्जा मिलना चाहिये। मारीशस इसके लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने भारतीयों का आह्वान किया कि हमारी भाषा हिन्दी को भारत में और वरीयता दी जानी चाहिये। स्वामी जी महाराज ने जैविक गंगा और प्राकृतिक खेती तथा जैविक विचारों पर चर्चा करते हुये कहा कि सारी बातें विचारों से पैदा होती है, अतः विचारों का पवित्र और उच्च होना नितांत आवश्यक है। स्वामी ने कहा कि मातृभाषा, हमारी संस्कृति की संवाहक है। किसी भी देश की संस्कृति वहां की भाषा और बोली से जानी जाती है। मातृभाषा, हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखती है, भारतीय संस्कारों से जोड़े रखती है।
मारीशस के हाई कमिश्नर जगदीश्वर गोवर्धन ने कहा कि भारत के पास जो संस्कार हैं, विचार हैं, संस्कृति है, उसे पूरे विश्व में ले जाने की ज़रूरत है। उन्होंने परमार्थ निकेतन में होने वाली विश्व विख्यात गंगा आरती के विषय में चर्चा करते हुये कहा कि सचमुच यह मंत्रमुग्ध करने वाली आरती है। यहां की आरती हमें स्वर्ग की अनुभूति कराती है, वास्तव में यह अनुभव अद्भुत है।