देहरादून। अब होम्योपैथी चिकित्सक भी मरीजों को मेडिकल प्रमण पत्र जारी कर सकेंगे। होमियोपैथी चिकित्सा व्यवसाय की विधि नियम विनियम 1982 के तहत उन्हें यह मान्यता प्रदान कर दी गई है। इसे लेकर सभी प्रदेशों, केंद्रशासित प्रदेशों व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभागों व आयुष विभागों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अभी तक मेडिकल या फिर फिटनेस सर्टिफिकेट बनाने का अधिकार व व्यवस्था केवल एलोपैथी चिकित्सा में ही संभव थी।
उत्तराखंड होम्योपैथी चिकित्सा सेवा निदेशक डॉ. राजेंद्र सिंह द्वारा गुरुवार को जारी किए गए पत्र के अनुसार आयुष मंत्रालय भारत सरकार के अधीन केंद्रीय होम्योपैथी परिषद नई दिल्ली के 22 फरवरी 2016 में जारी किए गए पत्र के अनुपालन में होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी राजकीय व निजी होम्योपैथी चिकित्सक जो उत्तराखंड राज्य परिषद में स्थाई पंजीकृत अथवा केंद्रीय परिषद में स्थाई पंजीकृत हैं, वे चिकित्सा व्यवसाय विनियम 1982 के अंतर्गत मेडिकल बनाने के लिए मान्य होंगे। देश में वर्तमान में लगभग 242 होम्योपैथिक कॉलेज है जहां से लगभग 2 लाख से ज्यादा होम्योपैथी चिकित्सकों को यह अधिकार मिलेगा।
मरीजों को होती थी परेशानी
अभी तक मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने का अधिकार केवल एलोपैथी डॉक्टरों के लिए ही सुरक्षित था। मेडिकल बनावाले के लिए मरीजों को भी बड़ी मुश्किलें उठानी पड़ती थी। इसके अलावा ऐसे मरीज जो आयुष पद्धति के तहत अपना इलाज करा रहे होते हैं, उनके लिए तो मेडिकल बनवाना ही संभव नहीं था। मेडिकल बनावाने के लिए उन्हें मजबूरन अंग्रेजी इलाज का ही सहारा लेना पड़ता था। लेकिन सरकार के लिए निर्णय के बाद ऐसे मरीजों के लिए काफी सहूलियत होगी। उन्हें मेडिकल बनवाने के लिए इधर उधर भटकना नहीं पड़ेगा। मामले में निदेशक होम्योपैथी चिकित्सा सेवा निदेशक डॉ. राजेंद्र सिंह का कहना है कि होम्योपैथी चिकित्सक लंबे समय से मेडिकल प्रमाण पत्र बनाने का अधिकार दिए जाने की मांग कर रहे थे। बताया कि अब मरीजों को भी यह अधिकार है कि वह जिस उपचार पद्धति में उपचार करा रहा है, उस पद्धति का चिकित्सक उन्हें मेडिकल फिटनेस अथवा बेड रेस्ट की सलाह दे रहे हैं, तो वे उन्हें इसके लिए प्रमाणित भी कर सकेंगे। अभी तक एलोपैथी उचार में ही यह अधिकार संरक्षित था।
यह प्रमाण पत्र कर सकेंगे जारी
– जन्म प्रमाण पत्र
– मृत्यु प्रमाण पत्र
– मानसिक आरोग्यता प्रमाणपत्र
– जन स्वास्थ्य प्रमाण पत्र
– संक्रामक रोग से ग्रस्त प्रमाण पत्र
– पासपोर्ट, राज्य कर्मचारी बीमा स्वास्थ्य प्रमाण पत्र
– बीमा, ड्राइविंग लाइसेंस व पेंशन विभाग से संबंधित प्रमाण पत्र
– चिकित्सकीय व अन्य प्रमाण पत्र