बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान को लेकर देवप्रयाग में तीर्थ पुरोहितो की बैठक आयोजित की गई। बैठक में एसडीएम जोशीमठ के न आने पर तीर्थपुरोहितों ने रोष जताया।
बदरीश पंडा पंचायत अध्यक्ष प्रवीन ध्यानी ने चमोली प्रशासन की ओर से देवप्रयाग में बैठक आयोजित करने पर आभार जताया। कहा कि सरकार तीर्थपुरोहितों की भावनाओं के अनुसार बदरीनाथ में मास्टर प्लान लागू करे। तीर्थपुरोहितों की सहमति के बिना मास्टर प्लान स्वीकार नहीं होगा। उन्होंने कहा की दो वर्ष बाद शुरू होने वाले मास्टर प्लान के फेज टू पर बात करने का अभी कोई औचित्य नहीं है। जबकि सरकार अभी फेज वन पर ही कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार मास्टर प्लान को लेकर किसी भी तीर्थपुरोहित को नोटिस ना भेजे।
चारधाम तीर्थपुरोहित हक हकहकूधारी महापंचायत अध्यक्ष केके कोटियाल ने कहा कि सरकार जब तक तीर्थपुरोहितों को दिये जाने वाली भूमि भवन की रजिस्ट्री नहीं करती है, तब तक उनके भवनों को ध्वस्त करने की कोई कार्रवाई न की जाए। कहा कि केदारनाथ के तीर्थपुरोहितों के साथ सरकार ने जो धोखा किया वह बदरीनाथ में नहीं होने देंगे। मास्टर प्लान के तहत खाता खतौनी की स्थिति स्पष्ट करने के लिये एक माह का कैम्प देवप्रयाग में लगाया जाये।
पूर्व अध्यक्ष भगवती प्रसाद ध्यानी ने कहा कि सन 1952 के बाद बदरीनाथ में कोई भूमि बंदोबस्त नहीं हुआ है। जिस कारण सभी हकदारों के नाम के खाता खतौनियों में नहीं आये हैं। डॉ. गिरधर पंडित ने बदरीनाथ में रेगुलेटिंग एरिया एक्ट लागू होने से पहले स्थित आवासों के अनुसार मुआवजा तय करने की मांग की।
बैठक में तीर्थपुरोहित दिगम्बर ध्यानी, विनय टोडरिया, भूपेंद्र कोटियाल, सुधाकर बाबुलकर, मधुकर ध्यानी, विजय ध्यानी, विनोद कोटियाल, विजेंदर टोडरिया, सुरेश भट्ट, तहसीलदार जोशीमठ आरपी ममगाईं, कानूनगो सुजान सिंह नेगी, राजस्व उपनिरीक्षक देवेंद्र सिंह नेगी व सुनील कुमार आदि मौजूद रहे।