कालागढ़/पौड़ी, कालागढ़ का रामगंगा बैराज आज-कल देशी व विदेशी परिन्दों से गुलजार है। हर साल की तरह इस साल भी यह परिन्दे रामगंगा नदी व बैराज की रौनक बने हुए हैं।
शीत ऋतु के आरम्भ होते ही देशी पक्षियों के साथ-साथ विदेशी परिंदों ने भी कालागढ़ की तरफ प्रवास शुरू कर दिया है। पूरे वर्ष देशी विदेशी परिंदो से घिरा रहने वाला कालागढ़ रामगंगा बैराज इस बार बांध क्लोजर के चलते लंबे समय तक सूखा रहा, लेकिन दिवाली के अवसर पर बांध से बिजली निर्माण के लिए जैसे ही पानी की निकासी हुई वैसे ही परिंदो ने भी रामगंग बांध और बैराज की तरफ रुख कर दिया । यूरेायाई देशों में पड रही ठण्ड के चलते से काफी संख्या में मेंहमान परिन्दे इन दिनो तराई इलाको में पहुचे हुये है। हर साल की तरह हजारों विदेशी परिन्दो के झुण्ड साइबेरिया. मध्यचीन. एवं मंगोलिया कॉर्बेट नेशनल पार्क पहुंचे है। और पर्यटनो को एक नायाब किस्म के परिन्दो का दीदार हो रहा है।
साइबेरिया, मध्यचीन, मंगोलिया से आने वाले यह परिन्दे पॉच से छः हजार किमी तक का सफर दिन रात उडकर और बीस से पच्चीस हजार फीट की हिमालयी ऊंचाई पार कर अनेक परेशानियों से जूझते हुऐ तराई इलाको में पहुंचते है। हर साल यह परिन्दे अक्टूबर, नवम्बर दिसम्बर में साइबेरिया में काफी बर्फबारी के चलते भारत की और रुख करते है और मार्च के महिने में खटटी मीठी यादों के साथ अपने वतन वापस लौट जाते हैं। इन खूबसूरत परिंदों को देखने के लिए दूर दराज से काफी तदाद में रामगंगा बैराज कालागढ़ व कार्बेट नेनल पार्क पहुंच रहे हैं। इन प्रवासी पक्षियों में भारत के पक्षी मेहमान नवाजी में जुटे है व जमकर रामगंगा बैराज पर दावत उड़ा रहे है। हिन्दुस्तान कि मिट्टी में वह खुशबू है कि यहां हर वक्त विदेशों से लोग घुमने आते हैं तो आखिरकार विदेशी परिन्दे भी पीछे क्यों रहे ।
इस बार बांध की मरम्मत के चलते यह पक्षी देर से कालागढ़ पहुंचे हैं और रामगंगा बैराज पर इन्हें देखने वालों की भीड़ लगी रहती है। इन पक्षियों की प्रजातियों में कोरमोरेनट, सीगल, ग्रेट इग्रेट, पाइड किंगफिर, आई बिस, पेंटेड स्ट्रोक, पोंड हेरॉन व अन्य कई प्रजातियों के पक्षी यहाँ आकर्षण का केन्द्र बने हुए है। उप प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि यह हमारा सौभाग्य है कि हमारे प्रभाग में हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी प्रजनन के लिए आ रहे है । इनके संरक्षण के साथ साथ इनकी सुरक्षा की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी हम सबकी है ।
मछुआरे कर रहे हरवेली बैराज की गोद सुनी
वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति जितना जागरुक उत्तराखंड वन विभाग है तो वही उत्तर प्रदेश वन विभाग का रैवेया उतना ही उपेक्षापूर्ण है। ठंड के इस मौसम में प्रवासी पक्षी दुनिभर से हरेवली रामगंगा बैराज पर आ रहे हैं, जिनकी संख्या काफी ज्यादा है। विभिन्न प्रजातियों के इन पक्षियों में पेंटेड स्ट्रोक , आइबिस बिल , शैल डक जैसी दुर्लभ प्रजातियां प्रजनन के लिए आ रही है। परन्तु हरेवली बैराज जो कि इन पक्षियों के प्रवास और प्रजनन की मुख्य जगह है, उसी बैराज की गोद मछुआरों द्वारा सूनी की जा रही है। दिन भर जाल से कुन्तलों मछली मछुआरों द्वारा पकड़ी जाती है और बेच दिया जाता है । यह हजारों की संख्या में पहुच रहे इस विदेशी पक्षियों के लिए क्षति है। मछुआरों द्वारा दिन भर नदी से पकड़ी जाने वाली मछलियां इन विदेशी परिंदो के सामने खाने की समस्या उत्पन्न कर रही है। जिसको देखते हुए हरेवली बैराज से यह परिंदे कालागढ़ की तरफ रुख कर रहे है। उप प्रभागीय वनाधिकारी बिजनौर हरी सिंह का कहना है बैराज पर मछली पकड़ने का ठेका होता है। इसमें हम कुछ नही कर सकते परन्तु यदि किसी व्यक्ति द्वारा किसी जीव या पक्षी का शिकार किया जाता है या उसे किसी भी प्रकार का नुकसान पहुंचाया गया तो वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कड़ी कार्यवाही की जाएगी।