देहरादून, मुख्यमंत्री ने सचिवालय में खनन विभाग की समीक्षा की। उन्होंने खनन से राजस्व के निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए शासन व जिला स्तर पर लगातार समीक्षा करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। कहा कि खनन पट्टों के संबंध में जिलों में आ रही समस्याओं को शासन को बताया जाए।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि, “खनन के लिए विभिन्न स्तरों पर आवश्यक औपचारिकताओं को बिना किसी विलम्ब के पूरा किया जाना चाहिए। केवल पत्राचार न करके व्यक्तिगत तौर पर फॉलोअप जरूरी है। जिला खनिज न्यास (डी.एम.एफ) में प्राप्त राशि का उपयोग खनन प्रभावित क्षेत्रों में वहां के लोगों के हित में किया जाना है। इस कोष में प्राप्त राशि का उपयोग आंगनबाड़ी केंद्र बनवाने, पेयजल लाइनों को सुधारने, स्कूलों में फर्नीचर की व्यवस्था करने व दूरस्थ क्षेत्रों में टेली मेडिसिन की व्यवस्था की जाए।”
उन्होंने कहा कि, “आवश्यकता हो तो विभाग के ढांचे में विशेषज्ञ रखें जाएं। पर्यावरणीय स्वीकृतियों के लिए प्रस्ताव भेजने में कमी नहीं रहनी चाहिए। खनन से राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य को पाने के लिए खासतौर पर चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर व नैनीताल पर विशेष ध्यान देना होगा।”
कहा कि अवैध खनन,परिवहन, भण्डारण पर पेनल्टी के लम्बित प्रकरणों को समयबद्धता से जल्द निस्तारित किया जाए। बैठक में बताया गया कि जीआईएस आधारित माईनिंग सर्विलांस साफ्टवेयर व आमजन शिकायत कर सकें, इसके लिए मोबाईल एप विकसित किया जा रहा है। खनिजों के परिवहन की रियल टाईम मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस आधारित व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम भी विकसित किया जा रहा है। इसी प्रकार ई रवन्ना वैब एप्लीकेशन का 2.0 वर्जन निर्माणाधीन है।