अपनी सर्विस और काम की तरफ रवैये को लेकर सरकारी कंपनियां हमेशा ही आम लोगों को परेशान करती रही हैं। उत्तराखंड के बारे में बात करें तो पहाड़ों में संचार व्यवस्था दुरुस्त होना यहां की सुविधा नहीं जरूरत है। ये और महत्वपूर्ण तब हो जाती है जबकि राज्य में इस समय बारिशों का मौसम आ गया है और चारधाम यात्रा भी चल रही है। यात्रा शुरू होने के समय सभी कंपनियों ने पहाड़ों में मोबाइल नेटवर्क होने के दावे तो बहुत किये लेकिन हकीकत में ये दावे सच्चाई से कोसों दूर साबित हो रहे हैं।
अब केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। रावत ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट डाला और कहा कि न सिर्फ पहाड़ों में मोबाइल कवरेज के कंपनी के दावे झूठे हैं बल्कि कंमपनी और उसके अधिकारी सरकारी होने के बावजूद खुद सरकार के नुमाइंदो की नहीं सुनते हैं। इसके बारे में रावत कहते हैं कि “कुछ समय पहले पौड़ी से सांसद भुवनचंद्र खंडूरी ने इलाके में विकास के कामों की समीक्षा बैठक बुलाई ती जिसमें बीएसएनएल के अधिकारियों ने आना जरूरी नही समझा।”
रावत ने कहा है कि बीएसएनएल की जवाबदेही तय करना उनकी जिम्मेदारी है। और इसलके लिये उन्होने अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों को कंपनी के सेलयूलर नेटवर्क से जुडी शिकायते और सुझाव उनको भेजने के लिये कहा है। इसके बाद रावत इन शिकायतों को लेकर कंपनी के आला अधिकारियों से दो दो हाथ करने के मूड में हैं।