हरिद्वार में सतपाल माहराज और मदन कौशिक के समर्थकों के बीच लड़ाई का मामला अब राजनैतिक रंग भी लेता जा रहा है।घटना बे बाद जनपद के भाजपा विधायक श्रीप्रेमनगर आश्रम पहुंचे और आश्रम प्रबंधक पवन को हर मदद का भरोसा दिलाते हुए सतपाल महाराज को समर्थन दिया।
सतपाल महाराज को समर्थन देने हरिद्वार ग्रामीण सीट से विधायक स्वामी यतीश्वरांनद, रानीपुर विधायक आदेश चैहान, लक्सर विधायक संजय गुप्ता व ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर तथा हरिद्वार सांसद प्रतिनिधि राजेश शर्मा ने आश्रम पहुंचकर अपना विश्वास महाराज में जताया। उनका कहना था कि यदि किसी प्रकार का विवाद था तो उसे बातचीत के जरिए निपटाया जा सकता था। जो कुछ भी घटित हुआ, उसको उन्होंने निदंनीय करार दिया। कहा कि शहर की तमाम नालियों पर अवैध कब्जा लोगों ने किया हुआ है। पहले मेयर को वहां का अतिक्रमण हटाना चाहिए था। अगर कोई समस्या थी तो आश्रम में बात की जा सकती थी। संघर्ष के बाद आश्रम के बाहर कूड़ा डलवाना किसी भी प्रकार से उचित नहीं है।
वहीं सवाल ये भी बना हुआ है कि सड़कों से अतिक्रमण हटाने निकले मेयर आखिरकार पुलिस फोर्स के बिना सड़क पर कैसे उतर गए, यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है। मेयर मनोज गर्ग ने पुलिस प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी और न ही पुलिस फोर्स की कोई मदद ली।
मेयर मनोज गर्ग ने केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के आश्रम की दीवार को गिराने का निर्णय खुद ही लिया और आदेश भी खुद ही दिया। इस दौरान उन्होंने झगड़े को शांत करने का कोई प्रयास भी नहीं किया।
एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि मेयर मनोज गर्ग की ओर से अतिक्रमण हटाने के लिए कोई सूचना पुलिस प्रशासन को नहीं दी गई। जब विवाद बढ़ गया तो जनता की सूचना पर पुलिस फोर्स घटनास्थल पर पहुंची। ऐसे हालात में जब भाजपा के ही केबिनेट मंत्री के आश्रम से अतिक्रमण हटाया जाना था तो इस झगड़े को हवा किसने दी। वहीं स्थानीय लोगों का मानना है कि इस घटना के पीछे भाजपा की आन्तरिक गुटबाजी का हाथ हो सकता है।