मनरेगा में सामने आया एक लाख का घोटाला

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मनरेगा में एक लाख रुपये का घोटाला सामने आया है। सुरक्षा दीवार और भूमि विकास के नाम पर आपदा मद में मिली रकम का भुगतान पात्रों को करने के बजाय कुशल और अकुशल श्रमिकों के खाते में जमा कर दिया गया। इसमें से 9,450 रुपये की राशि प्रधान व उनके पति के खातों में भी पहुंची। करीब डेढ वर्ष से भुगतान के लिए भटक रहे पात्र श्रमिक ने विकास खंड के अधिकारियों पर दबाव बनाया तो यह फर्जीवाडा सामने आया। बीडीओ ने मामले को गंभीर बताते हुए जांच ग्राम विकास अधिकारी को सौंप रिपोर्ट मांगी है।

जुलाई 2016 में स्याल्दे ब्लॉक के तल्ला भाकुडा निवासी श्यामलाल के घर की सुरक्षा दीवार बरसात में ध्वस्त हो गई थी। आपदा मद से दीवार निर्माण व भूमि विकास के लिए एक लाख रुपये स्वीकृत हुए। अगस्त से सितंबर के बीच निर्माण कार्य पूरा किया गया। लेकिन, श्यामलाल के खाते में ब्लॉक कार्यालय से रकम जमा नहीं कराई। ग्रामीण ने विकासखंड मुख्यालय के कई चक्कर काटे पर धनराशि न मिलने का हवाला दे उसे टहलाया जाता रहा। आरोप है कि प्रधान अंजु देवी व उनके पति घनश्याम सिंह बंगारी भी बजट न मिलने की बात कह कर गुमराह करते रहे। काफी वक्त बीतने के बाद 21 अगस्त को श्यामलाल मनरेगा भुगतान के लिए फिर विकासखंड कार्यालय पहुंचा। दबाव बनाने पर अधिकारियों ने बताया कि 94418 रुपये का भुगतान पहले ही हो चुका है।
यह भी खुलासा हुआ कि बीते वर्ष नौ अगस्त से इस वर्ष विगत अप्रैल तक कुशल व अकुशल श्रमिकों के खातों में नियम विरुद्ध यह रकम जमा कराई गई। यह भी पता लगा कि प्रधान व उसके पति के खातों में अवैधानिक तरीके से 9450 रुपये जमा कर दिए गए। जबकि, मनरेगा में आपदा मद से मिली पूरी धनराशि श्यमलाल के खाते में जमा की जानी चाहिए थी। घोटाला सामने आने पर बीडीओ पुरुषोत्तम शर्मा ने जांच बैठा दी है। उन्होंने वीडीओ से गलत खातों में धनराशि जमा क्यों और कैसे की गई, विस्तृत जांच रिपोर्ट देने को कहा है।