देहरादून, चारधाम यात्रा के लिए सभी तैयारियां अपने चरम पर है। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिलीप जावलकर ने बताया कि इस वर्ष की चारधाम यात्रा का विशेष आकर्षण मोबाइल ऐप का निर्माण है। जिसके निर्माण की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। “यह मोबाइल ऐप यात्रियों को सुविधा पहुंचाने के उद्देश्य से तैयार की जा रही है। इसके माध्यम से अधिकतम जानकारी यात्रियों को आसानी से मोबाइल पर ही उपलब्ध हो सकेगी। इसके अतिरिक्त यात्रियों के फोटो मेट्रिक पंजीकरण तथा विभिन्न प्रकार की सहायता एवं सूचनाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा अनेकों स्थान पर काउंटर भी स्थापित किए जा रहे हैं।”
यात्रियों को सुविधा पहुंचाने के उद्देश्य से सभी विभागों के मध्य समन्वय बनाने के लिए पर्यटन विकास परिषद एक नोडल विभाग के रूप में कार्य कर रहा है। इस बार यात्रा मार्ग में यात्रियों को उच्चतम स्तर की सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से स्वच्छता, पेयजल, स्वास्थ्य और सुरक्षा इंतजामों के साथ-साथ पर्यावरणीय प्रदूषण से बचने के लिए ठोस प्रबंधन के लिए भी विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। साथ ही इस बार पॉलिथीन के प्रयोग को पूर्णत: प्रतिबंधित किया जा रहा है।
आगामी 18 अप्रैल को यमुनोत्री, गंगोत्री के 29 एवं 30 अप्रैल को केदारनाथ व बद्रीनाथ के कपाट खुलेंगे। ग्रीष्मकाल में होने वाली धार्मिक यात्रा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार चारधाम के दर्शन हेतु उत्तराखंड पधारने वाले सभी श्रद्धालुओं को सुगमता पहुंचाने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। इस वर्ष यात्रियों की सुविधा के लिए चारधाम मार्ग में जहां 218 अस्थाई शौचालयों का निर्माण किया गया है, वहीं 234 सफाई कर्मचारियों की तैनाती सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस के माध्यम से करवाई जा रही है। यात्रा मार्ग के विभिन्न पड़ावों पर स्वच्छता, पेयजल आदि व्यवस्थाओं को सुचारु करने के लिए स्थानीय निकायों के लिए 2 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई गई है।
यात्रा मार्ग के दौरान यात्रियों के साथ किसी प्रकार की ठगी की वारदात से बचने के लिए सभी होटलों एवं ढाबों को खाने-पीने की सामग्री की मूल्य सूची चस्पा करने के निर्देश दिए गए हैं। बसों एवं टैक्सी चालकों को राज्य में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ मधुर व्यवहार करने के निर्देश दिए हैं। यात्रा मार्ग में यात्रियों को पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए सौर ऊर्जा चालित वाटर डिस्पेंसर भी लगाए जाने का प्रस्ताव है। इसके अतिरिक्त यात्रा में आने वाले बुजुर्ग श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों, सर्वश्रेष्ठ दवाइयों एवं अन्य उपकरणों की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
परिवहन विभाग के अनुसार, ऋषिकेश से रोटेशन में चलने वाली बसों की संख्या-1350 के आसपास है। देहरादून से 100 बसें चारधाम यात्रा के लिए लगाई गई है। उत्तराखंड परिवहन निगम की 100 तथा कुमांऊ हल्द्वानी की करीब 50 बसें चारधाम यात्रा के लिए लगाई गई है। छोटी और बड़ी कुल 12 हजार से अधिक टैक्सियां चारधाम यात्रा में उपलब्ध रहेंगी। विशेष परिस्थितियों में स्कूल बसों का भी प्रयोग किया सकता है।
राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि यात्रा के दौरान, “ऑल वेदर रोड के अंतर्गत चल रहे कार्यों को स्थगित करने की योजना है, जिससे यात्रा मार्ग में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो। इसके अतिरिक्त जिन स्थानों पर दुर्घटना या भूस्खलन की संभावना है वहां पर बैरिकेडिंग एवं जेसीबी आदि की समुचित व्यवस्था की जा रही है। यात्रा के दौरान हिमालयी क्षेत्र में आने वाली पर्यावरण प्रदूषण की समस्या से निजात पाने के लिए इस बार जहां पॉलीथिन को पूरी तरह बैन किया गया है। वहीं सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट(ठोस अपशिष्ट प्रबंधन) हेतु विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। आशा है कि इस बार पिछले वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए अधिकतम पर्यटक उत्तराखंड पहुंचेंगे।”