नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी 35वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शक्ति स्थल जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट संदेश में कहा कि देश की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के मेजर ध्यानंद स्टेडियम में राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित रन फॉर यूनिटी दौड़ को हरी झंडी दिखाने से पूर्व इंदिरा गांधी को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी।
इंदिरा गांधी के बलिदान दिवस के मौके पर सोनिया गांधी, डॉ. मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस सांसद और अनेक कार्यकर्ता शक्ति स्थल पहुंचे और उनकी स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।
कांग्रेस ने ट्विटर पर पोस्ट किया- आज, हम भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अदम्य इच्छा शक्ति और बलिदान को नमन करते हैं। प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी ने हमारे देश की राष्ट्रीय सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, लोकतंत्र और विदेश नीति में अत्यधिक योगदान दिया। उन्हें सभी भारतीयों से प्रेम और लगाव के कारण हमेशा याद किया जाएगा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी दादी को याद करते हुए ट्वीट किया-आज मेरी दादी श्रीमती इन्दिरा गांधी जी का बलिदान दिवस है। आपके फौलादी इरादे और निडर फैसलों की सीख हर कदम पर मेरा मार्गदर्शन करती रहेगी। आपको मेरा शत् शत् नमन।कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इंदिरा के साथ अपनी एक बचपन की तस्वीर और वृहदारण्यक उपनिषद के चर्चित मंत्र, ऊं असतो मा सद्गमय, तमसो मां ज्योतिर्गम्य को ट्विटर पर साझा किया। इस मंत्र का अर्थ है मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो, मुझे अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो, मुझे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो।
उन्होंने ट्वीट किया, यह वह पहला श्लोक है जिसे हमारी दादी ने मेरे भाई और मुझे सिखाया। अक्सर हमें देखकर इसकी पहली पंक्ति बोलती थीं और हम इसे पूरा करते थे। आज इसकी आखिरी पंक्ति दिल में गूंज रही है।
उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को इलाहबाद में हुआ था। वह तीन बार देश की प्रधानमंत्री रहीं। 31 अक्टूबर, 1984 को उनकी हत्या कर दी गई थी।