मोटरयान संशोधन विधेयक राज्यसभा से पारित

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हाईकोर्ट

नई दिल्ली,  सड़क दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में हताहतों की संख्या को आने वाले समय में आधा करने के उद्देश्य से सड़क सुरक्षा पर केन्द्रित मोटरयान संशोधन विधेयक, 2019 को  राज्यसभा ने पारित कर दिया।

मार्कसवादी कम्युनिस्ट पार्टी के ई करीम ने विधेयक पर मतविभाजन के लिए जोर दिया, जिसके बाद हुए मतदान में विधेयक के पक्ष में 108 और विरोध में 13 मत पड़े। यह विधेयक गत 23 अप्रैल को लोकसभा में पारित किया गया था। बाद में विधेयक में कुछ गलतियां पाई गई, जिन्हें सुधारते हुए राज्यसभा में यह विधेयक पेश किया गया। संशोधनों के साथ राज्यसभा में पारित यह विधेयक अब लोकसभा में जाएगा।

विधेयक पर चर्चा का उत्तर देते हुए सड़क परिवन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत में प्रतिवर्ष 1.5 लाख लोग सड़क दुर्घटना में मारे जाते हैं जो संख्या दुनिया में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं का कारण नियमों का पालन न किए जाने के साथ ही सड़कों की बदहाल दशा है। इस विधेयक में नियमों को सख्त बनाने तथा उल्लंघन करन वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़े दंडात्मक उपाय करना है। वाहनों के पंजीकरण और अन्य प्रक्रियाओं को ऑनलाइन किया जाएगा ताकि परिवहन कार्यालयों में होने वाले भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके। दुर्घनाओं का शिकार होने वाले लोगों को सहायता देने वाले व्यक्तियों उत्साहवर्धन करने का प्रावधान भी विधेयक में शामिल है।

किशोर द्वारा गाड़ी चलाते हुये सड़क पर कोई अपराध करने की स्थिति में गाड़ी के मालिक अथवा अभिभावक को दोषी माना जायेगा और वाहन का पंजीकरण भी निरस्त किया जायेगा. इस विधेयक में केंद्र सरकार के लिये मोटर वाहन दुर्घटना कोष के गठन की बात कही गई है जो भारत में सड़क का उपयोग करने वालों को अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करेगा. इस विधेयक में यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है।

शराब पीकर गाड़ी चलाने पर अब 2 हजार की बजाय 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और थर्ड पार्टी प्रीमियम को जरूरी बनाने को भी इस बिल में शामिल किया गया है. सड़क सुरक्षा से जुड़े कई पहलुओं को इस बिल में जगह दी गई है और अब हिड एंड रन मामले में मौत होने पर 2 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाएगा, जो पहले 25 हजार था।