मृदाशय: हाथों के जादू से मिट्टी में जान भरती गरिमा नेगी

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2012 से गरिमा नेगी मिट्टी पर प्रोफेशनल कलाकार के रूप में काम कर रही हैं। पंजाब के जलंधर में जन्मी गरिमा का संबंध उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से है। सैन्य परिवार से आने के कारण गरिमा ने देशभर के कई शहरों में जीवन बिताया। गरिमा ने 2012 में कोलकाता के शांतिनिकेतन से फाइन आर्ट में बैचलर्स और मास्टर्स किया है। यहां गरिमा ने सिरेमिक पॉटरी और स्क्लप्चर में स्पेशलाइजेशन किया।

गरिमा कहती हैं कि “मेरा शुरू से ही कला के क्षेत्र में रुझान रहा और मैं खुशकिस्मत रही कि मुझे सही समय पर सही मौके मिले। शांतिनिकेतन में मेरे दाखिले से लेकर सारी चीज़ों के लिये मेरे पिता ने काफी मेहनत की और मेरे ख्याल से शांतिनिकेतन ही वो जगह है जिसने मुझे शिल्पकारी के गुर सही मायनों में सिखाये।”

कॉलेज से निकलते ही गरिमा को कुर्ग में ताज विवांता होटल के पॉटरी स्टूडियो में आर्टिस्ट कम स्टूडियो मैनेजर की नौकरी मिल गई। एक साल यहां काम करने का बाद गरिमा ने कुछ समय तक कई स्कूलों में पॉटरी इंस्ट्रक्टर का काम किया। गरिमा के काम और हुनर की झलक उनके फेसबुक पेज “मृदाशय” यानि मिट्टी का अस्तित्व पर देखी जा सकती है।

अपने काम के बारे में गरिमा कहती हैे कि “मुझे कलाकृति बनाने का काम ज्यादा पसंद है। ये आपको लोगों से संवाद करने का बेहतर मौका देता है। जरूरत का सामना बनाने में आपकी क्रियोटिविटी थोड़ा कम हो जाती है क्योंकि आपका ज्यादा ध्यान सामान को और उपयोगी बनाने में लगता है।”

2011 में अपने पिता से गढ़वाल की पहली महिला वीरांगना तीलू रौतेली के बारे में सुनने के बाद से ही गरिमा ने रौतेली का एक रूप मिट्टी के अलावा किसी नये पदार्थ में उतारने का मन बना लिया। इसके लिये गरिमा ने चुना तांबा जो पहाड़ी महिलाओँ की मातृशक्ति का भी प्रतीक है। ये स्कलप्चर पहले मिट्टी में ही बना और इसके बाद गरिमा ने इसे तांबे में बनाया।

दो महीने पहले ही गरिमा शादी कर के देहरादून आ गई हैं। लेकिन शादी के बाद भी गरिमा ने अपने हुनर को नही छोड़ा है। गरिमा अभी भी पॉटरी का काम कर रही हैं और जल्द ही अपने घर से ही एक होम स्टूडियो शुरू करना चाहती हैं। गरिमा का कहना है कि वो उन लोगों से जुड़़ना चाहती हैं जो पॉटरी सीखना चाहते हैं ताकि इस कला को और ज्यादा लोकप्रियता मिले।

तो अगर आप भी अपने हाथों के हुनर को आजमा कर मिट्टी को नये आकार और रूप देना चाहते हैं तो फेसबुक पर गरिमा से संपर्क कर सकते हैं।